दिल्ली में यमुना नदी में चलेगी 'वाटर टैक्सी', बढ़ेगा टूरिज्म, घटेगा ट्रैफिक
By गुलनीत कौर | Published: July 1, 2019 03:48 PM2019-07-01T15:48:45+5:302019-07-01T16:01:32+5:30
जल्द ही यमुना नदी का विस्तार बढ़ाने का काम किया जाएगा। वाटर टैक्सी चलाने के लिए उसमें पानी का आवश्यक स्तर हो और एक जगह से दूसरी जगह टैक्सी को चलाने के लिए टर्मिनल भी बनाए जाएंगे।
राजधानी दिल्ली में जल्द ही अब एक नई तरह की टैक्सी चलगी। इस टैक्सी के चलने से शहर का ट्रैफिक कम हो जाएगा। इतना ही नहीं, ये टैक्सी सर्विस पर्यटकों को भी राजधानी दिल्ली की ओर खींचेंगी। ये हैं 'वाटर टैक्सी'। जैसा नाम, वैसा काम। ये पानी पर चलेंगी।
यमुना नदी पर वाटर टैक्सी
जी हां, इनलैंड वाटरवेज़ अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IWAI) जल्द ही यमुना नदी पर वाटर टैक्सी चलाने वाला है। प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली के चार अलग अलग कोनों से, जिन्हें यमुना नदी से जोड़ा जा सकता है, उसपर इन वाटर टैक्सी को चलाकर दिल्ली की जनता को एक नया यातायात साधन प्रदान किया जाएगा।
वजीराबाद से फतेहपुर रूट पर वाटर टैक्सी
बता दें कि दिल्ली के वजीराबाद से फतेहपुर जात जाने के लिए सड़क मार्ग से ट्रैफिक की वजह से कम से कम 3.5 घंटे का समय लगता है। वाटर टैक्सी की मदद से यह सफर मात्र 45 मिनट में तय किया जा सकेगा।
यमुना नदी पर होगा काम
IWAI के प्रोजेक्ट के मुताबिक जल्द ही यमुना नदी का विस्तार बढ़ाने का काम किया जाएगा। वाटर टैक्सी चलाने के लिए उसमें पानी का आवश्यक स्तर हो और एक जगह से दूसरी जगह टैक्सी को चलाने के लिए टर्मिनल भी बनाए जाएंगे। विभाग की राय में वाटर टैक्सी से दिल्ली में शहरी यातायात के साधना बढ़ जाएंगे।
6 अलग टर्मिनल
यमुना वाटर टैक्सी प्रोजेक्ट में यमुना नदी पर 16 किलोमीटर के दायरे पर काम होगा। कुल 5 टर्मिनल बनाए जाएंगे जहां से वाटर टैक्सी मिलेगी और इन्हें टर्मिनल पर यात्रा के बाद यात्रियों को उतारा जाएगा। ये टर्मिनल होंगे - फतेहपुर जाट, ट्रोनिका सिटी, जगतपुर, वजीराबाद, सोनिया विहार।
यह प्रोजेक्ट दो फेज में पूरा किया जाएगा। पहले फेज में सोनिया विहार से ट्रोनिका सिटी का स्ट्रेच बनाया जाएगा। दूसरे फेज में वजीराबाद से सोनिया विहार और ट्रोनिका सिटी से फतेहपुर जाट को जोड़ा जाएगा। टर्मिनल बनाने के अलावा वेसल भी बनाए जाएंगे ताकि वाटर टैक्सी के सफर को वातावरण के अनुकूल बनाया जा सके।
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वाटर टैक्सी से बढ़ेगा दूरिज्म
बहरहाल यह प्रोजेक्ट कब से असल मायनों में शुरू होगा, कब ख़त्म होगा और कब वाटर टैक्सी चलने लगी, इस बारे में कोई जानकारी नहीं आई है। प्रोजेक्ट को बनाने में 28 करोड़ की लागत लगने का अनुमान लगाया गया है। मगर टैक्सी चलने पर किराया कितना होगा और क्या ये रोजाना के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तरह इस्तेमाल हो पाएगा या नहीं, यह वक्त के साथ पता चलेगा।