इन 3 शहरों को मोदी सरकार से मिला 'क्लीन सिटी अवार्ड', जानिए यहां के फेवरेट ट्रेवल स्पॉट्स के बारे में
By मेघना वर्मा | Published: May 17, 2018 10:44 AM2018-05-17T10:44:13+5:302018-05-17T10:44:46+5:30
इस लिस्ट में भोपाल शहर भी शामिल है, यहां दुनिया का पांचवा सबसे ऊंचा तिरंगा है। जिसे 27 मई 2015 को पहली बार फहराया गया था।
हमारा देश जब तरक्की की नई सीढ़ियों की ओर बढ़ता है तो हम दिल से खुश होते हैं, ऐसी ही एक खुशी की खबर हम आपको बताने जा रहे हैं। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के सबसे स्वच्छ शहरों की लिस्ट निकाली गई है। इस साल लिस्ट में सबसे साफ शहरों की सूची में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को सबसे ऊपर रखा गया है। भोपाल को देश का दूसरा और चंडीगढ़ को देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय देश के सबसे स्वच्छ शहरों और राज्यों की सूची जारी करता है। जिसमें इस साल इंदौर, भोपाल और चंडीगढ़ को जगर मिली है। आज हम आपको देश के इन्हीं शहरों की सबसे खास बात बताने जा रहे हैं साथ ही आपको बताएंगें इन साफ शहरों के सबसे खास टूरिस्ट प्लेस के बारे में।
ये हैं देश के सबसे साफ 3 शहर
1. इंदौर
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर ने देश के सबसे साफ शहरों की सूची में पहला स्थान ग्रहण किया है। यहां घूमने के लिए बहुत से सुन्दर और दर्शनीय स्थल मौजूद हैं जहां आप अपने परिवार वालों के साथ घूमने का प्लान कर सकते हैं। शहर के विभिन्न ऐतिहासिक स्मारकों और धार्मिक स्थलों के रूप में यहां बहुत सी इमारतें है जो इस शहर की प्राचीनता को दर्शाते हैं।
* टाउन हॉल या महात्मा गांधी हॉल
टाउन हॉल या महात्मा गांधी हॉल ऑफ इंडिया, इंदौर शहर में सबसे सुंदर इमारतों में से एक है। 1904 में निर्मित, यह मूल रूप से राजा एडवर्ड हॉल नामित किया गया था। 1948 में, यह महात्मा गांधी हॉल के रूप में दिया गया था. यह एक उल्लेखनीय भारत- गोथिक संरचना है और सिवनी पत्थर में किया गया है। अगर आप यहां पहली बार घूमने आए हों तो इन जगहों पर आपको जरूर जाना चाहिए।
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* लाल बाग पैलेस
लाल बाग पैलेस इंदौर में सबसे शानदार इमारतों में से एक है। यह दक्षिण-पश्चिम की ओर , शहर के बाहरी इलाके में खड़ा है। यह खान नदी के तट पर एक तीन मंजिला इमारत है। महल 1886-1921 के दौरान महाराजा शिवाजी राव होल्कर द्वारा बनाया गया था।
* नेहरू पार्क
शहर के मशहूर पर्यटन स्थल में से एक है नेहरू पार्क। यह इंदौर के केन्द्र में स्थित सबसे पुराना पार्क है जिसे ब्रिटेन द्वारा निर्मित करवाया गया था। यह पहले बिस्को पार्क के रूप में भी जाना जाता है और आजादी से पहले सिर्फ ब्रिटिशर्स के लिए ही खुला था। आजादी के बाद यह नेहरू पार्क के रूप में दिया गया था। पार्क गुलाब की एक किस्म है और पुस्तकालय जैसी सुविधा, स्विमिंग पूल, बच्चों के शौक केंद्र, एक मिनी ट्रेन और बैटरी संचालित कारों से लैस है।
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* इंदौर में खाने लायक फ़ूड
पोहा, जलेबी, नमकीन, दाल बाटी. इंदौर में खाने के सब से मशहूर स्थान है 56 दूकान और सराफा।
2. भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल एक ऐतिहासिक शहर है जिसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। भोपाल में किले, मंदिर, मस्जिद इत्यादि घूमने की इतनी जगह है कि यह अपने आप में एक टूरिस्ट स्पॉट बन चुका है। आप यहां घूमने जा रहे हैं तो यहां के कुछ फेमस टूरिस्ट स्पॉट्स पर जाना ना भूलें।
* ढाई सीढ़ी मस्जिद
एशिया की सबसे छोटी मस्जिद "ढाई सीढ़ी" यही है। किला फतेहगढ़ के बुर्ज के ऊपरी हिस्से में करीब 300 साल पहले भोपाल शहर के संस्थापक दोस्त मोहम्मद खान ने बनवाई थी, ताकि बुर्ज पर मौजूद सिपाही पहरेदारी के दौरान ही नमाज पढ़ सकें।
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* अपर लेक (बड़ी झील)
भोपाल का सबसे मशहूर टूरिस्ट अट्रैक्शन है अपर लेक। जो देश की सबसे पुरानी मैन मेड लेक है। 11 वीं सदी में बनी इस झील को बड़ा तालाब भी कहते हैं। राजा भोज ने इसे बनाने का आदेश दिया था और माना जाता है कि इस झील के पानी से ही राजा की स्किन की बीमारी ठीक हो गई थी।
* वन विहार
अपर लेक से लगा है वन विहार, जो कि एक नेशनल पार्क है। यह 445 हेक्टेयर एरिया में फैला हुआ है। यहां शेर, लेपर्ड, चीतल, सांबर, घड़ियाल, मगरमच्छ आदि जानवर रखे गए हैं। आप बर्ड फोटोग्राफी के शौक़ीन हैं तो ये जगह आपके लिए बेस्ट रहेगी। हरा भरा और झील से लगा होने के कारण यहां कई प्रवासी पक्षी अपना डेरा जमाते हैं। यहां आप जंगल सफारी का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं।
* देश का पांचवा सबसे ऊंचा तिरंगा
दुनिया का पांचवा सबसे ऊंचा तिरंगा भोपाल में है। जिसे 27 मई 2015 को फहराया गया था। वल्लभ भवन के सामने सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में 90 फीट लंबा, 60 फीट चौड़ा तिरंगा 235 फीट ऊंचे पोल पर लगा है। इस तिरंगे को उतारने के लिए करीब 30 आदमी चाहिए होते हैं।
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* सांची
भोपाल से 46 किमी दूर है सांची। ये जगह स्तूप और बौद्ध स्मारक के लिए मशहूर हैं, जो तीसरी शताब्दी ई.पू से बारहवीं शताब्दी के बीच के काल के हैं। सांची का मुख्य स्तूप, सम्राट अशोक ने तीसरी सदी में बनवाया था। इसके केन्द्र में एक अर्धगोलाकार ईंट से बना ढांचा था, जिसमें भगवान बुद्ध के कुछ अवशेष रखे हैं।
3. चड़ीगढ़
यह शहर शिवालिक पहाड़ियों से घिरी सुरम्य घाटी में स्थित है। एक अनूठी हकीकत यह है कि चंडीगढ़ भारत के दो उत्तरी राज्यों- पंजाब और हरियाणा, की राजधानी है जरूर, लेकिन इनमें से किसी भी राज्य में शामिल नहीं है। यह एक केंद्रशासित प्रदेश है, सीधे भारत सरकार के प्रशासन में। चंडीगढ़, यह नाम शक्ति की देवी श्री चंडिका से आया है, जिसका मंदिर शहर के उत्तर-पूर्व इलाके में स्थित है। यह शहर आधुनिक वास्तुकला के इतिहास की भव्य सफलता की कहानी है। यह एशिया और दुनिया के सबसे खूबसूरत और सुविधाजनक शहरो में से एक है, इसी वजह से इसे “द सिटी ब्यूटीफुल” भी कहा जाता है। अगर आप यहां आने का प्लान बना रहे हैं तो आप इन जगहों पर घूमने का प्लान कर सकते हैं।
* फन सिटी
भारत के सबसे बड़े एम्युजमेंट पार्कों में से एक फनसिटी एम्युजमेंट पार्क में हर आयु समूह के लोगों के लिए मौज-मस्ती के साधन है। इसमें कुछ बेहतरीन हाई-टेक हाइड्रोलिक और जलीय खेल है। यह पार्क चंडीगढ़ से करीब 20 किलोमीटर दूर 43 एकड़ क्षेत्र में फैला है। लेकिन इस जगह पर एक दिन भी कम पड़ता है। इस पार्क का एक बड़ा आकर्षण है- 5डी सिनेमा थिएटर। जो दर्शकों को दूसरी ही दुनिया में ले जाता है। फनसिटी में पानी के खेल लोकप्रिय है और सभी पर्यटकों को एक बेहतरीन अनुभव देते हैं।
* गार्डन ऑफ फ्रेगरेंस
चंडीगढ़ पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए एक अहम पर्यटन केंद्र है। कई किस्मों के पौधों और पेड़ों की सुगंध साफ-सुथरी है और जहरीले प्रभाव को खत्म करती है। यह चंडीगढ़ के तीन प्रमुख गार्डंस में से एक है। गार्डन ऑफ फ्रेगरेंस हिबिस्कस गार्डन के दक्षिण में सेक्टर 36 में स्थित है। यह गार्डन ऑफ फ्रेगरेंस की अच्छी बात यह है कि अधिकांश वक्त यहां भीड़ नहीं मिलती। यहां बिछे ट्रैक्स पर आपको फिटनेस की चिंता करने वाले लोग वर्जिश करते नजर आ जाएंगे। सुबह-शाम स्थानीय लोग बड़ी संख्या में यहां पिकनिक पर पहुंचते हैं।
* इंटरनेशनल डॉल्स म्युजियम
यह म्युजियम 1985 में बना था। इसमें दुनियाभर से जुटाई गई गुड़ियाएं रखी गई हैं। शुरुआत में यह म्युजियम बच्चों के मनोरंजन के लिए था, लेकिन बाद में यह दुनियाभर में अपनी एक खास पहचान बनाने में कामयाब रहा। इस संग्रहालय में जर्मनी, रूस, कोरिया, स्पेन, डेनमार्क, नीदरलैंड जैसे अलग-अलग देशों की कठपुतलियां और गुड़िया भी आपको देखने को मिल जाएंगी।
अलग-अलग भारतीय राज्यों की वेशभूषा में सजी भारतीय गुड़िया यहां आकर्षण का बड़ा केंद्र है। परिकथाओं के चरित्रों को गुड़िया के तौर पर बनाया गया है। इसे खूब पसंद किया जाता है। यहां एक टॉय ट्रेन भी है, जो बच्चों का मनोरंजन करती है।