सिक्किम स्टेट फाउंडेशन डे: खूबसूरती में स्विट्जरलैंड से कम नहीं, ऐसे बनाए टूर प्लान

By मेघना वर्मा | Published: May 16, 2018 10:15 AM2018-05-16T10:15:17+5:302018-05-16T10:29:02+5:30

Sikkim State Foundation Day 2018: इसकी खूबसूरती की वजह से इसे अक्सर “पूर्व का स्विट्जरलैंड” भी कहा जाता है। सिक्किम की यात्रा आपको बर्फ से ढंकी पहाड़ियों, अल्पाइन की मोटी लकड़ी से ढंके रोलिंग स्लोप्स की जगह ले जाएगी।

sikkim state foundation day 2018: history of sikkim and best tourist place in sikkim | सिक्किम स्टेट फाउंडेशन डे: खूबसूरती में स्विट्जरलैंड से कम नहीं, ऐसे बनाए टूर प्लान

सिक्किम स्टेट फाउंडेशन डे| Sikkim state foundation day 2018| History of Sikkim

भारत के पूर्वोतर भाग के सबसे खूबसूरत हिस्से की बात करें तो सबसे पहला नाम सिक्किम का ही आता है। दुनिया में पर्वतों की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा के मनमोहक व्यू के साथ इसे भारत के पूर्व का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। पर्यटकों से भरा रहने वाला ये सिक्किम हर साल 16 मई को अपना फांउडेशन डे मनाता है। सिक्किम के इतिहास की बात करें तो जो सबसे पुराना विवरण यहां के बाकरे में कहा जाता है कि बौद्ध भिक्षु गुरु रिन्पोचे 8वीं सदी में सिक्किम दौरे पर आए थे। आज हम आपको सिक्किम राज्य के इतिहास और यहां पर आने वाले टूरिस्टों की पंसदीदा टूरिस्ट प्लेस के बारे में बताने जा रहे हैं। इस वेकेशन आप भी अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ यहां घूमने का प्लान बना सकते हैं। 

क्या है सिक्किम का इतिहास

अभिलेखित है कि बौद्ध भिक्षु गुरु रिन्पोचे ने यहां बौद्ध धर्म का प्रचार शुरू किया, सिक्किम को आशीष दिया तथा कुछ सदियों पश्चात आने वाले राज्य की भविष्यवाणी भी की। मान्यता के अनुसार 14वीं सदी में ख्ये बुम्सा, पूर्वी तिब्बत में खाम के मिन्यक महल के एक राजकुमार को एक रात दैवीय दृष्टि के अनुसार दक्षिण की ओर जाने का आदेश मिला। इनके ही वंशजों ने सिक्किम में राजतन्त्र की स्थापना की। आधिकारिक घोषणा की बात करें तो सन् 1975 में इसे भारत का राज्य घोषित किया गया था।  

1642इस्वी में ख्ये के पांचवें वंशज फुन्त्सोंग नामग्याल को तीन बौद्ध भिक्षु, जो उत्तर, पूर्व तथा दक्षिण से आये थे, द्वारा युक्सोम में सिक्किम का प्रथम चोग्याल (राजा) घोषित किया गया। इस प्रकार सिक्किम में राजतन्त्र का आरम्भ हुआ।

सिक्किम पर्यटन में मिलेगा बर्फ से ढकी पहाड़ियों और तंग घाटियों का नजारा

पर्वतों के राजा हिमालय के निचले इलाके में स्थित है सिक्किम। यह राज्य है तो छोटा, लेकिन यहां के नजारे लाजवाब हैं। इसकी खूबसूरती की वजह से इसे अक्सर “पूर्व का स्विट्जरलैंड” भी कहा जाता है। सिक्किम की यात्रा आपको बर्फ से ढंकी पहाड़ियों, अल्पाइन की मोटी लकड़ी से ढंके रोलिंग स्लोप्स की जगह ले जाएगी। सीधी चढ़ाई वाली चोटियां और तंग घाटियां, बर्फ में ढंका इलाका- यह ही तो सिक्किम है। बादलों का आपसी खेल और नीलमणि जैसे आकाश में पर्वतों की चोटियां देखना है तो सिक्किम की यात्रा जरूर करें। माउंट कंचनजंघा को ही लीजिए, सूर्योदय होते ही उसकी किरणें सुनहरी होकर जमीन से टकराती हैं।

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सिक्किम में घूमने की जगह

युक्सोम

यह सिक्किम की पहली राजधानी थी। इतिहास कहता है कि सिक्किम के पहले श्रेष्ठ शासक ने 1641 में तीन विद्वान लामाओं से इस शहर का शुद्धिकरण कराया था। नोर्बुगांगा कोर्टेन में इस समारोह के अवशेष आज भी मौजूद है। इस जगह को पवित्र स्थान समझा जाता है, क्योंकि सिक्किम का इतिहास ही यहां से शुरू होता है। यह प्रसिद्ध माउंट कंचनजंघा की चढ़ाई के लिए बेस कैम्प भी है। 

सोम्गो लेक

यह झील एक किलोमीटर लंबी, अंडाकार है। स्थानीय लोग इसे बेहद पवित्र मानते हैं। मई और अगस्त के बीच झील का इलाका बेहद खूबसूरत हो जाता है। दुर्लभ किस्मों के फूल यहां देखे जा सकते हैं। इनमें बसंती गुलाब, आइरिस और नीले-पीले पोस्त शामिल हैं। झील में जलीय और पक्षियों की कई प्रजातियां मिलती हैं। लाल पांडा के लिए भी यह एक मुफीद जगह है। सर्दियों में झील का पानी जम जाता है। 

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नाथुला दर्रा

14,200 फीट की ऊंचाई पर, नाथु-ला दर्रा भारत-चीन सीमा पर स्थित है। सिक्किम को चीन के तिब्बत स्वशासी क्षेत्र से जोड़ता है। यह यात्रा अपने आप में आनंद देने वाला अनुभव है। धुंध से ढंकी पहाड़ियां, टेढ़े-मेढ़े रास्ते और गरजते झरने और रास्ता तो अद्भुत है। इस जगह जाने के लिए पर्यटकों के पास परमिट होना चाहिए।

पेलिंग

पेलिंग तेजी से लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनता जा रहा है। 6,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित इसी जगह से दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट कंचनजंघा को सबसे करीब से देखा जा सकता है। यह स्थान तो खूबसूरत है ही, पेलिंग के अन्य आकर्षण हैं सांगा चोइलिंग मोनास्ट्री, पेमायंगत्से मोनास्ट्री और खेचियोपालरी लेक। 

सिक्किम रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी

यह राष्ट्रीय स्तर पर तिब्बती अध्ययन और अनुसंधान केंद्र के तौर पर जाना जाता है। यह संस्थान दुर्लभ पांडुलिपियों, बौद्ध धर्म से जुड़ी पुस्तकों और संकेतों के व्यापक संग्रह के तौर पर प्रसिद्ध है। यह भवन तिब्बती वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो ओक और सनौबर के छोटे जंगल से घिरा हुआ है। इस संस्थान में कला से जुड़ी धार्मिक कलाकृतियां और रेशम से एम्ब्रायडरी वाली अद्भुत पेंटिंग्स भी हैं। 

English summary :
Sikkim State Foundation Day 2018: The history of Sikkim an area in present-day North-East India. People call it "old Switzerland". Sikkim state is famous for its natural beauty. Today we are sharing best tourist place to visit in the Sikkim State on Sikkim State Foundation day celebration.


Web Title: sikkim state foundation day 2018: history of sikkim and best tourist place in sikkim

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