बसंत पंचमी 2018: भारत के इन 5 राज्यों में दिखता है बसंत पचंमी का अलग-अलग रंग

By धीरज पाल | Published: January 20, 2018 03:34 PM2018-01-20T15:34:42+5:302018-01-20T16:57:59+5:30

बिहार के लोग बसंत पचंमी के दिन सुबह स्नान कर, पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं और भगवान सूर्य और देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं।

Basant Panchami Know how it celebrated throughout India | बसंत पंचमी 2018: भारत के इन 5 राज्यों में दिखता है बसंत पचंमी का अलग-अलग रंग

बसंत पंचमी 2018: भारत के इन 5 राज्यों में दिखता है बसंत पचंमी का अलग-अलग रंग

जब कभी हम बसंत पचंमी के बारे में सोचते हैं तो कुछ चीजें हमारे दिमाग में दौड़ने लगती है। खेतों में लहलहाते पीले सरसों के फूल, सरस्वती पूजा के लिए सजे पंडाल, पीले रंग के कपड़े पहने लोग और पीले रंग की मिठाईयां। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने की मौनी अमावस्या के बाद बसंत पंचमी पड़ती है। इस दिन को हिंदू धर्म में विद्या की देवी मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा यह दिन भारत के 6 मौसमों में से एक 'बसंत ऋतु' के आगमन की खुशी में भी मनाया जाता है।

बसंत पंचमी 2018: भारत के इन पांच जगहों बसंत पंचमी का महोत्सव 

आज हम आपको भारत के 5 राज्यों के बारे में बताएंगे जहां बसंत पंचमी धूमधाम से मनाई जाती है। यूं तो देशभर में इस त्यौहार को परंपरा के अनुसार मनाया ही जाता है लेकिन इन 5 राज्यों में इसदिन बसंत पंचमी को बड़े उत्सव के रूप में मनाते हैं। 

उत्तरकाशी

उत्तराखंड की उत्तरकाशी में बसंत पंचमी का त्यौहार बेहद ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यहां अधिकतर कृषि समुदाय के लोग रहते हैं जो हर साल परंपरागत तरीके से बसंत पंचमी को मनाते हैं। इस दिन लोग नए मौसम के आगमन पर अलग-अलग कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। मां सरस्वती की पूजा में मूर्तियों के साथ पलाश की लकड़ियों, पत्तों और फूलों आदि का उपयोग करते हैं। विधि-विधान के साथ पूजन किया जाता है। साथ ही पीले रंग के वस्त्र पहने लोग रातभर भक्ति संगीत और नृत्य के सागर में डूबे रहते हैं। उत्तरकाशी में इसदिन पंतगबाजी का भी आयोजन होता है, आसमान रंग बिरंगी पतंगों से भर जाता है। अगले दिन सरस्वती की मूर्तियों का पवित्र नदियों में विसर्जन कर बसंत पंचमी महोत्सव का अंत करते हैं। अगर आपको इन कार्यक्रमों को लाइव देखना चाहते हैं तो इस बसंत पचंमी उत्तरकाशी जा सकते हैं। 

पंजाब और हरियाणा 

उत्तर भारत के इन दो राज्यों में बसंत पचंमी का त्यौहार बिना पतंग उड़ाए अधूरा माना जाता है। इस दिन दोनों राज्यों में जगह-जगह लोक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। महिलाएं लोक गीत और नृत्य करती हैं और सिख गुरुद्वारों में कई सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। 

राजस्थान और उत्तर प्रदेश

राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बसंत पंचमी के दिन विद्यालयों में कला और शिक्षा की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। कॉलेजों और स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना की जाती है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बसंत पंचमी उत्सव के दौरान पीला रंग पवित्रता का रुप माना जाता है। यहां आपको लोक नृत्य और संगीत कार्यक्रम की झलकियां देखने को मिल सकती हैं। साथ ही नाटक और मां सरस्वती से जुड़ी पौराणिक कथाओं का मंचायन भी किया जाता है। इस दिन घर में कई प्रकार के पकवान भी बनाए जाते हैं जहां आप पारंपरिक भोजन का मजा भी ले सकते हैं। 

बिहार 

बिहार के लोग बसंत पचंमी के दौरान सुबह में स्नान कर, पीले रंग के कपड़ों को पहनते हैं और इसके बाद भगवान सूर्य और देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन कॉलेजों, आश्रमों, स्कूलों और धार्मिक जगहों पर मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना करते हैं। इसके साथ जगह-जगह सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। 

पश्चिम बंगाल 

पश्चिम बंगाल में बसंत पंचमी से कई दिन पहले से ही पूजा के पंडाल खड़े कर दिए जाते हैं, उनमें मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित की जाती है और लोगों के लिए पूजा और प्रसाद की व्यवस्था की जाती है। स्कूलों और कॉलेजों में  विद्यार्थियों  के लिए उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली चीजें जैसे कलम, नोटबुक, पेंसिल आदि चीजें भेंट की जाती है ताकि बच्चे सीखते रहें इस दिन लोक संगीत उत्सव और सांस्कृतिक नृत्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। 

Web Title: Basant Panchami Know how it celebrated throughout India

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