केवल मंदिर दर्शन ही नहीं, इन 5 कारणों से भी जाएं महाकाल की नगरी "उज्जैन"
By मेघना वर्मा | Published: February 24, 2018 05:36 PM2018-02-24T17:36:38+5:302018-02-24T17:36:38+5:30
उज्जैन से 3 घंटे की ही दूरी पर आध्यात्मिकता के लिए भी आप जा सकते हैं। क्षिप्रा (शिप्रा) नदी पर बसी ये पूरी नगरी आपको भक्तिमय कर देगी।
उज्जैन, श्रद्धा और आस्था से भरपूर शहर है। 'महाकाल' भगवान शिव के इस पवित्र शहर में आए सभी पर्यटकों के लिए ये शहर उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करने वाला होता है। यहां भगवान शिव को समर्पित दो ज्योतिर्लिंग (प्राचीन शिव मंदिर) हैं जिसके चलते श्रावण (सावन) के महीने में भक्तों का सैलाब दिखता है लेकिन आम दिनों में भी यहां रौनक बनी रहती है। इस शहर की खास बात ये है कि आने वाले पर्यटकों को यह अपना सा बना लेता है। आज हम आपको इसी शहर की कुछ खासियत बताएंगे जो आपको यहां आने के लिए मजबूर कर देंगी।
1. तोते करेंगे आपका स्वागत
उज्जैन स्टेशन पर उतरते ही सबसे पहले जो चीज आपको दिखेगी वो है 'तोता'। स्टेशन के आस-पास के सभी पेड़ों पर हजारों की संख्या में तोते दिखाई देंगें। ऐसा नहीं है कि यहां किसी ने इन्हें पाल रखा है बल्कि ये तोते अपने आप ही उज्जैन की नगरी में बसे हुए हैं। सूखे पेड़ पर भी ये इतनी संख्या में होते हैं कि आपको वो पेड़ दूर से हरा-भरा नजर आएगा। रात को अगर आप स्टेशन पर उतरते हैं तो ये बता पाना मुश्किल होगा की पेड़ों पर हरी पत्तियां हैं या तोता।
2. हर घर में मिलेगा अपनापन
उज्जैन शहर में आपको कभी पर्यटकों वाला अनुभव नहीं होगा। यहां के लोग उज्जैन में आए पर्यटकों को अपना मानते हैं। महाकाल मंदिर के आस-पास के सभी घरों में आपको रात बिताने की सुविधा मिलेगी। यहां के लोग घर आए मेहमानों को साथ बिठा कर बड़े प्यार से उनकी खातिरदारी करते हैं। जहां एक और उज्जैन जैसे छोटे शहर को इससे आर्थिक लाभ होता है, वहीं पर्यटकों को भी यहां आकर अपनेपन का अनुभव होता है जो इन्हें इस शहर से दिल से जोड़ देता है।
3. यहां के स्ट्रीट फूड में मिलता है फलहारी खाना
उज्जैन आने वाले लोग अधितकर आध्यात्मिक यात्रा पर ही आते हैं जिनमें से अमूमन लोगों ने व्रत उपवास रखा होता है। ये लोग महाकाल या ओमकारेश्वर पर जल अर्पण के बाद ही कुछ खाते हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हर कदम पर पर्यटकों के खाने का ध्यान दिया जाए। इसी के चलते उज्जैन मात्र एक ऐसा शहर हैं जहां लगभग हर सड़क पर आपको फलहारी खाने का स्टाल देखने को मिलेगा। जहां बड़े साफ-सफाई के साथ आपको व्रत में खाया जाने वाला खाना मिलेगा। जिसमें साबूदाने की खिचड़ी, आलू-धनिया, साबूदाने की नमकीन सभी चीजें आसानी से मिलेंगी।
4. इन मंदिरों में मिलेगा दिव्य अनुभव
महाकालेश्वर मंदिर, गढ़कालिका मंदिर, हर-सिद्धि मंदिर, श्री राम-जानकी, राम घाट, संदिपानी आश्रम, मंगलनाथ मंदिर के दर्शन कर सकेंगे। उज्जैन से ही 3 घंटे की ही दूरी पर ओम्कारेश्वर्ज्योतिर्लिंग के लिए भी आप जा सकते हैं। क्षिप्रा (शिप्रा) नदी पर बसी ये पूरी नगरी आपको भक्तिमय कर देगी।
5. क्षिप्रा नदी के घाट दिखता है कुंभ का अनुभव
देश में चार जगह लगने वाले कुंभ के मेले में से एक शहर उज्जैन भी है। आप किसी भी समय इस शहर में जाएं आपको कुंभ के निशान देखने को मिलेंगें। नदी के आस-पास पक्के घाट बनें है और यहां महाकाल के आस-पास के मंदिरों में आपको पूजा-पाठ से जुड़े सभी सामान मिल जाते हैं।