भारत में 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। 23 मार्च 1931 को भारतीय क्रांतिकारियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को ब्रिटिश शासन ने फांसी की सजा दी थी। देश की आजादी के लिए प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के सम्मान में इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। Read More
हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी ने फौरन पंजाब केसरी की मौत का बदला लेने की ठान ली। लेकिन 17 दिसंबर, 1928 को उन पर प्राणघातक लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस सुपरिंटेंडेंट जेम्स ए स्कॉट की हत्या की योजना पर अमल के दौरान भगत सिंह व राजगुरु ने गफलत ...
Shaheed Diwas: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च, 1931 को अंग्रेज सरकार द्वारा फांसी दी गई थी। इस कुर्बानी को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है। ...
Martyrs' Day 2020 (Shaheed Diwas): 23 मार्च 1931 को आज ही के दिन ब्रिटिश हुकूमत ने लाहौर के जेल में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी पर लटकाया गया था। ...
शहीद दिवस: अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटना है। इन तीनों वीर सपूतों ने साल 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मार दी थी ...