शहीद दिवस: आज ही के दिन फंदे पर हंसते-हंसते झूले थे भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव, जानिए फांसी से पहले क्या कर रहे थे भगत सिंह? 

By रामदीप मिश्रा | Published: March 23, 2020 11:19 AM2020-03-23T11:19:47+5:302020-03-23T11:20:07+5:30

शहीद दिवस: अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटना है। इन तीनों वीर सपूतों ने साल 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मार दी थी।

shaheed diwas 2020 Bhagat Singh, Sukhdev and Rajguru Significance in hindi | शहीद दिवस: आज ही के दिन फंदे पर हंसते-हंसते झूले थे भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव, जानिए फांसी से पहले क्या कर रहे थे भगत सिंह? 

23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है।

Highlightsआज के ही दिन 23 मार्च, 1931 को अंग्रेजी हुकूमत ने क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर चढ़ाया था।23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भारत की आजादी के लिए अंतिम सांस तक लड़ने वाले भगत सिंह, उनके साथी राजगुरु और सुखदेव के बलिदान को पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी। उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। आज के ही दिन 23 मार्च, 1931 को अंग्रेजी हुकूमत ने क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर चढ़ाया था। वह हंसते-हंसते फंदे पर झूल गए थे और देश के इतिहास के सुनहरे पन्नों पर अपना नाम अंकित कर गए। आज उनके विचारों और क्रांतिकारी कदमों से लोग प्रेरित होते हैं। 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटना है। इन तीनों वीर सपूतों ने साल 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मार दी थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इस मामले में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था और तीनों लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी। 

भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल के भीतर ही फांसी दे दी गई। सजा की तारीख 24 मार्च थी, लेकिन 1 दिन पहले ही फांसी दे गई थी। जिस समय भगत सिंह को फांसी पर चढ़ाया गया उस समय उनकी उम्र महज 23 साल की थी। 

बताया जाता है कि अंग्रेजी हुकूमत ने जिस समय भगत सिंह को जेल में कैद कर रखा था उस समय वह किताबों को बहुत ही रुचि से पढ़ते थे और अपने समय को बर्बाद नहीं होने देते थे। फांसी वाले दिन वह लेनिन की जीवन पढ़ रहे थे। भगत सिंह का जन्म पाकिस्तान के एक सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशन सिंह था। जिस समय वह पैदा हुए थे उस समय उनके पिता जेल में थे। 

 

English summary :
Bhagat Singh, Rajguru and Sukhdev were hanged on 23 March 1931 within the Lahore Central Jail. The sentencing date was March 24, but was hanged 1 day earlier. At the time when Bhagat Singh was hanged, he was just 23 years of age.


Web Title: shaheed diwas 2020 Bhagat Singh, Sukhdev and Rajguru Significance in hindi

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