राजा राम मोहन राय का जन्म 22 मई, 1772 को पश्चिम बंगाल के राधानगर में हुआ था। उन्होंने न सिर्फ ब्रह्म समाज स्थापना की बल्कि नव जागरण युग की स्थापना भी की। महज 15 साल की छोटी सी उम्र में ही उन्हें बंगाली, संस्कृत, अरबी और फारसी भाषा का ज्ञान हो गया था। साल 1803 से लेकर 1814 तक उन्होंने ईस्ट इंडिया कम्पनी के लिए काम किया। उनकी नई सोच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज 17 साल की उम्र में ही उन्होंने मूर्ति पूजा का विरोध किया था। उन्होंने सति प्रथा, बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को जड़ से खत्म किया था।