पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। Read More
Pitru Paksha/Shradh 2018 (पितृ पक्ष 2018): उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों के बीच, चारों ओर से बर्फ की पहाड़ियों से घिरे बद्रीनाथ में पिंडदान का विशेष महत्व होता है। ...
उदया तिथि के दृष्टि से पितृ पक्ष अर्थात आश्विन कृष्ण पक्ष 26 सितम्बर से प्रारंभ हो रही है परन्तु मध्यान्ह काल मे प्रतिपदा मिलने से प्रतिपदा का श्राद्ध 25 सितम्बर को ही होगा। ...
शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण करना चाहिए। ...