जिंदा और धड़कता लोकतंत्र सिर्फ सरकार में बैठे दल के सहारे नहीं चल सकता. विपक्ष की बेंचों पर असहमतियों के अनेक सुर चाहिए. भारत का संविधान बहुदलीय लोकतंत्र का समर्थन करता है. इस व्यवस्था में प्रतिपक्ष का बौना और नाटा होना देश की सेहत के लिए अच्छा नहीं ...
कानूनों की वापसी करने का निर्णय लेने में सरकार को पूरा एक साल लग गया, और मिनटों में कानूनों को निरस्त कर दिया गया. कोई बहस नहीं, कोई विचार-विमर्श नहीं. संसद को इस बारे में सरकार से सवाल-जवाब का अवसर मिलना ही चाहिए था. ...
विपक्षी सदस्यों के अनुरोध को खारिज करते हुए नायडू ने कहा कि पिछले मानसून सत्र का कड़वा अनुभव आज भी हममें से अधिकांश लोगों को परेशान करता है। मैं पिछले सत्र में जो हुआ उस पर नाराजगी व्यक्त करने के लिए सदन की प्रमुख हस्तियों के नेतृत्व की प्रतीक्षा कर ...
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में डेटा को अनुपयोगी ठहरा दिया. सरकार ने कहा कि 1931 में सर्वेक्षण की गई कुल जातियों की संख्या 4,147 थी, जबकि एसईसीसी के आंकड़े बताते हैं कि 46 लाख से अधिक विभिन्न जातियां हैं. ...
तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' की संपादकीय में लिखा गया कि कांग्रेस की विरासत का झंडा आज तृणमूल के हाथ में है. आज की कांग्रेस असफल, भटकी हुई है. इतिहास के गौरव पर विश्राम करने के दिन समाप्त हो गए हैं. जो अभी भी कांग्रेस में है, उसका तृणमूल ...
केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में पीएम केयर्स फंड को भारत सरकार का फंड नहीं बताने के एक दिन बाद विपक्षी दलों ने अधिक पारदर्शिता की मांग करते हुए सवाल उठाया कि अगर ऐसा है तो सरकारी कर्मचारियों से उसमें दान करने के लिए क्यों कहा गया और सरकारी वेब ...
राहुल गांधी द्वारा सड़क पर निकलकर प्रवासियों से बातचीत करने के चित्रों को देखने से पहली अनुभूति यही होती है कि वे मात्र संकेतात्मक राजनीति कर रहे हैं. अगर ऐसा न होता तो सारे देश में कांग्रेस कार्यकर्ता इस प्रश्न पर सड़कों पर निकल सकते थे. ...