मैं खेद जताने के लिए तैयार था लेकिन सरकार नहीं मानी, मल्लिकार्जुन खड़गे ने 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर कहा

By विशाल कुमार | Published: December 23, 2021 08:15 AM2021-12-23T08:15:20+5:302021-12-23T08:19:54+5:30

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू पर भी निशाना साधते हुए दावा किया कि सरकार ने उन पर दबाव डाला है और सदन के संरक्षक के रूप में उन्होंने सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध को हल करने का कोई प्रयास नहीं किया।

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राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे. (फाइल फोटो)

Highlightsइस पूरे सत्र के दौरान राज्यसभा सांसदों के निलंबन को लेकर बार-बार बाधित हुई।खड़गे ने कहा कि सरकार बिना चर्चा के विधेयक पारित करना चाहती थी।नायडू पर भी निशाना साधते हुए दावा किया कि सरकार ने उन पर दबाव डाला है।

नई दिल्ली: संसद का हंगामेदार शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कहा कि वह 12 निलंबित सांसदों की ओर से 'खेद' व्यक्त करने के लिए तैयार थे, जिस पर सरकार सहमत नहीं थी क्योंकि वह बिना चर्चा के विधेयक पारित करना चाहती थी।

खड़गे ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू पर भी निशाना साधते हुए दावा किया कि सरकार ने उन पर दबाव डाला है और सदन के संरक्षक के रूप में उन्होंने सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध को हल करने का कोई प्रयास नहीं किया।

इस पूरे सत्र के दौरान राज्यसभा सांसदों के निलंबन को लेकर बार-बार बाधित हुई।

खड़गे ने कहा कि जिस दिन (सांसदों को निलंबित कर दिया गया) मैं उन सभी की ओर से खेद व्यक्त करने के लिए तैयार था। इसे आगे क्यों बढ़ाया जाए... उन्होंने गलती की और हमें सजा दी गई।

खड़गे ने कहा कि यूपीए के राज्यसभा में 68 सदस्य हैं। अन्य विपक्षी दलों के पास 50 हैं। दो निर्दलीय हैं। तो विपक्ष के पास 120 की ताकत है। और एनडीए के पास 118 हैं। इसलिए उन्होंने सोचा कि अगर विधेयकों पर मतदान होगा या यदि विभाजन मांगा जाएगा... तो वे अल्पमत में होंगे। इसलिए उन्होंने पहले ही दिन 12 सदस्यों को सस्पेंड कर दिया।

सदन स्थगित करने पर उठाते हुए उन्होंने कहा कि नोटिस देने के बाद हमारे बोलने के लिए खड़े होने से पहले ही सदन दो बजे तक स्थगित हो जाता था. हमें 10 सेकेंड भी नहीं सुनते थे. ऐसा सरकार के दबाव में होता था.

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