2014 से केंद्रीय एजेंसियों ने 570 राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के केवल 39 के खिलाफ कार्रवाई

By विशाल कुमार | Published: December 23, 2021 11:26 AM2021-12-23T11:26:10+5:302021-12-23T11:34:10+5:30

कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान ऐसे 85 लोगों को केंद्रीय एजेंसियों ने निशाना बनाया था जो कांग्रेस के आलोचक थे. इस तरह सरकार के राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने में यूपीए-2 की तुलना में 340 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

central agencies targeted 570 political rivals since 2014 only 39 bjp and allies face action | 2014 से केंद्रीय एजेंसियों ने 570 राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के केवल 39 के खिलाफ कार्रवाई

2014 से केंद्रीय एजेंसियों ने 570 राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के केवल 39 के खिलाफ कार्रवाई

Highlightsयूपीए-2 के दौरान जहां हर साल औसतन 17 मामले दर्ज किए जाते थेमोदी सरकार के दौरान हर साल औसतन 75 मामले दर्ज किए गए.257 राजनेताओं और 140 उनके रिश्तेदारों व सहयोगियों को केंद्रीय एजेंसियों ने निशाना बनाया.

मई 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार आने के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने कम से कम 570 ऐसे लोगों या उनके परिवारों को निशाना बनाया जो सरकार के राजनीतिक विरोधी या आलोचक हैं.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, इस दौरान भाजपा या उसके सहयोगी दलों से जुड़े केवल 39 लोगों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों ने कोई कार्रवाई की. केंद्र सरकार की इन एजेंसियों में सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग शामिल है.

यूपीए-2 की तुलना में आलोचकों को निशाना बनाने में 340 फीसदी की बढ़ोतरी

कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान ऐसे 85 लोगों को केंद्रीय एजेंसियों ने निशाना बनाया था जो कांग्रेस के आलोचक थे. इस तरह सरकार के राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने में यूपीए-2 की तुलना में 340 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

यूपीए-2 के दौरान जहां हर साल औसतन 17 मामले दर्ज किए जाते थे तो वहीं मोदी सरकार के दौरान हर साल औसतन 75 मामले दर्ज किए गए.

कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी और सहयोगी दलों के 27 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी. इसका मतलब है कि कांग्रेस ने अपनी या सहयोगी दलों के एक नेता के तुलना में तीन विपक्षी नेता को निशाना बनाया था जबकि भाजपा के शासन में यह संख्या 15 है.

मोदी सरकार के विरोधियों में विपक्षी नेता, गैर-एनडीए नेता, उनके सहयोगी और रिश्तेदार, कार्यकर्ता, वकील, स्वतंत्र मीडिया संस्थान पत्रकार, फिल्म उद्योग से जुड़े लोग और सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं.

सबसे अधिक कांग्रेस नेता हुए कार्रवाई का शिकार

इनमें सबसे अधिक निशाना राजनेताओं को बनाया गया जिसमें 257 राजनेता और 140 उनके रिश्तेदार व सहयोगी शामिल हैं. सबसे अधिक निशाना बनाई जाने वाली पार्टी कांग्रेस जिसके 75 नेता जांच के दायरे में आए. इसके बाद टीएमसी के 36 नेताओं को निशाना बनाया गया. वहीं, आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल सहित उसके 18 नेताओं को निशाना बनाया गया. 

राजनेताओं, उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों के अलावा बड़ी संख्या में सरकार के आलोचकों को भी केंद्रीय एजेंसियों ने निशाना बनाया जिनकी कुल संख्या 121 है. इसमें अभिनेत्री ताप्सी पन्नू, निर्देशक अनुराग कश्यप, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, अधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज जैसे नाम शामिल हैं.

सरकार पर आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के लिए जाने जाने वाले 29 मीडिया घरानों या पत्रकारों को भी एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान व्यवस्था की पोल खोलने में लगे दैनिक भास्कर और भारत समाचार को आयकर की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था.

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