निर्मला सीतारमण भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और वर्तमान में भारत की रक्षामंत्री हैं। 2017 में रक्षामंत्री का पदभार संभालने से पहले उनके पास वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार था। इसके अलावा वो वित्त एवं कारपोरेट मामलों की राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं। निर्मला सीतारमण के विषय में कहा जाता है कि वो भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री हैं। निर्मला का जन्म तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था। उन्होंने मद्रास के तिरुचिरापल्ली से शुरुआती पढ़ाई की और उसके बाद सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में बीए की पढ़ाई की। इसके बाद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में एमए की पढ़ाई की है। वो चंद्रबाबू नायडू की कम्यूनिकेशन एडवाइजर भी रह चुकी हैं और बाद में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली। Read More
कोरोना संकट से निपटने के लिए पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 12 मई को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। जिसपर वित्त मंत्रालय की ओर से विस्तृत जानकारी पिछले दो दिनों से दी जा रही है। ...
इस बीच सरकार ने ‘लॉकडाउन’ के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के दूसरे चरण में प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज, किसानों को सस्ता कर्ज और रेहड़ी पटरी वालों को कार्यशील पूंजी कर्ज उपलब्ध कराने के लिये 3.16 लाख कर ...
चिदंबरम सरकार पर हमला करते हुये यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे टिपण्णी की आइए एक प्रवासी मज़दूर को लें ,जो सभी बाधाओं को पार कर अपने गांव लौट आया है। गांव में नौकरियाँ नहीं हैं ,उसके पास कोई काम नहीं है और न ही कोई आमंदनी ।वह कैसे अपना जीवन निर्वाह और पर ...
आज जब वित्त मंत्री आई तो उन्होंने कहा कि आज की बात प्रवासी श्रमिकों, सड़क के किनारे स्टॉल या रेहड़ी लगाने वालों, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार वालों और छोटे किसानों पर होगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त मे ...
वित्तमंत्री ने कहा कि भारत में 8 करोड़ प्रवासी कामगार हैं, 2011 की जनगणना के अनुसार सही आंकड़ा 11 करोड़ है। उन्होंने कहा कि हमने 10 लाख लोगों को घर पहुंचाया है। उनके आंकड़ों के हिसाब से 7.90. करोड़ के बारे में क्या? ...
3 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को लाभ देने के लिए 30000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सुविधा लेकर आए हैं। ये नाबार्ड के अलावा दी जाने वाले 30000 करोड़ की राशि है। ये राशि स्टेट, जिला और ग्रामीण कॉपरेटिव बैकों के माध्यम से राज्यों को दी जाएगी। ...