भारतीय संविधान में भीड़ के द्वारा की गई हिंसा के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया था। इसका फायदा उठाकर भारत में कई वारदातों को भीड़ ने अंजाम दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी मॉब लिंचिंग साल 1984 में हुई थी। जबकि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि मॉब लिंचिंग का इंतिहास पुराना है। साल 1947 में जब हिन्दुस्तान को आजादी मिली और देश के दो टुकड़े हुए, भारत और पाकिस्तान, तब भी भीड़ ने कइयों को मौत के घाट उतार दिया था। तब उसे दंगे का नाम दिया गया था। लेकिन कई जगहों पर भारी मॉब लिंचिंग हुई थी। Read More
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार एक बयान के कारण सुर्खियों में आ गए हैं। हाल ही में उन्होंने कहा है कि अगर लोग बीफ खाना बंद कर दें तो देश में मॉब लिंचिंग रुक जाएगी। ...
पुलिस और अस्पताल के रिकार्ड के अनुसार शनिवार घटित घटना की जानकारी पुलिस को 12.41 बजे दी गई । घटना स्थल पर पुलिस 1.15 बजे पहुंची। पुलिस अकबर खान को लेकर 4 बजे अस्पताल पहुंची। ...
खबरों की मानें तो पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर रिपोर्ट से पता चलता है कि उन्हें इस घटना की जानकारी 12.41 बजे आए कॉल से हुई और वह लगभग 1.20 तक बजे तक पहुंचे थे। ...