मनोज मुकुंद नरवणे देश के 28वें आर्मी चीफ हैं, उन्होंने जनरल बिपिन रावत का स्थान लिया। जनरल नरवणे इससे पहले उप सेना प्रमुख रह चुके हैं। अपनी 37 वर्षों की सेवा में जनरल नरवणे जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में पीस, फील्ड और उग्रवाद विरोधी अभियानों और कई कमानों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन तथा पूर्वी मोर्चे पर इंफेंट्री ब्रिगेड में भी सेवा दे चुके हैं। Read More
हिमाचल प्रदेश को लद्दाख से जोड़ने वाली नीमो पदम-दारचा सड़क की तरह पठानकोट-सूरल बटोरी-पदम सड़क भी लेह व करगिल जिलों में दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए भारतीय सेना की ताकत बन सकती है। ...
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए कश्मीर से सेना के जवानों की अतिरिक्त टुकड़ियां साजो सामान के साथ पूर्वी लद्दाख के लिए रवाना हो गई हैं। इसके साथ ही गलवन क्षेत्र में नागरिक संचार सेवा को भी बंद कर दिया गया है। ...
भारत के पास दुनिया की सबसे ऊंची हवाई पट्टी और सैन्य शिविर के कारण डीबीओ पूरे लद्दाख में भारत की आन-बान और शान का प्रतीक है। डीबीओ ही वह क्षेत्र है जिससे अक्साई चिन में चीन की हर हरकत पर भारतीय सेनाओं की नजर रहती है। ...
भारतीय वायुसेना ने कहा है कि वह आदेश मिलने पर मात्र आधे घंटे में ही चीन सीमा पर टैंकों और तोपखानों को पहंचा देगी। दूसरी ओर इतना जरूर था कि चीनी सैनिकों के हाथों शहादत पाने वाले अपने साथियों की मौत पर लद्दाख में तैनात जवान गम और गुस्से में हैं। ...
निहत्थे और लाल सेना के कुत्सित इरादों से अनजान 20 से अधिक भारतीय जवान अभी तक शहादत पा चुके हैं जबकि अभी भी 150 से अधिक घायलों में से 30 के करीब जिन्दगी और मौत के बीच की जद्दोजहद से जूझ रहे हैं। ...
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सिंह ने सोमवार की रात भारतीय सेना के तीन कर्मियों के शहीद होने के बारे में तथा क्षेत्र में संपूर्ण स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया है। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल और ...
बार्डर रेडर्स के नाम से जाने जाने वाले यह कमांडों पाकिस्तान के विशेष बलों के कर्मियों और आतंकियों का एक मिलाजुला स्वरूप है। पिछले कुछ सालों में पाक बार्डर रेडर्स भारत के कई सैनिकों की नृशंस हत्या कर चुका है। कइयों के वह सिर भी काट कर ले जा चुका है। ...
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि हमें पिछले 10-15 दिन में कई सफलता मिली हैं, 15 से ज़्यादा आतंकवादी मारे गए। ये सब हो सका क्योंकि जम्मू-कश्मीर में सभी सुरक्षा बलों के बीच सहयोग और समन्वय रहा। ज्यादातर ऑपरेशन स्थानीय लोगों से मिली सूचना पर आधारित ...