सीमा पर चीन-भारत तनावः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर बैठक, जयशंकर, बिपिन रावत सहित तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल
By भाषा | Published: June 16, 2020 09:51 PM2020-06-16T21:51:46+5:302020-06-16T21:51:46+5:30
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सिंह ने सोमवार की रात भारतीय सेना के तीन कर्मियों के शहीद होने के बारे में तथा क्षेत्र में संपूर्ण स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया है। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल और दो सैनिक शहीद हो गए। पांच हफ्ते से भी ज्यादा समय से इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है।
नई दिल्लीः गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों के शहीद होने के बाद पूर्वी लद्दाख में हालात पर विचार-विमर्श करने के लिए मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ लगातार दो बैठकें की।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सिंह ने सोमवार की रात भारतीय सेना के तीन कर्मियों के शहीद होने के बारे में तथा क्षेत्र में संपूर्ण स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया है। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल और दो सैनिक शहीद हो गए। पांच हफ्ते से भी ज्यादा समय से इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है। भारतीय सेना ने कहा है कि चीन को भी नुकसान हुआ है। सूत्रों ने बताया कि सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की।
इसमें पूर्वी लद्दाख में जमीनी हालात की व्यापक समीक्षा की गयी। किसी भी हालात से निपटने के लिए भारत की तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। यह पता चला है कि सरकार ने पूर्वी लद्दाख में पेंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी जैसे इलाकों में भारत की सैन्य क्षमता को आगे और मजबूत करने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि तकरीबन एक घंटे चली बैठक के बाद सिंह ने समग्र हालात के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को अवगत कराया।
रक्षा मंत्री ने दोपहर में विदेश मंत्री जयशंकर, थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ एक और बैठक की । सूत्रों ने बताया कि जनरल नरवणे ने सोमवार रात गलवान घाटी में हुई घटना के बारे में विस्तार से रक्षा मंत्री को अवगत कराया।
पूर्वी लद्दाख के पेंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध चल रहा है। पेंगॉन्ग सो सहित कई इलाके में चीनी सैन्यकर्मियों ने सीमा का अतिक्रमण किया है । भारतीय सेना ने चीनी सेना की इस कार्रवाई पर सख्त एतराज जताया है और क्षेत्र में अमन-चैन के लिए तुरंत उनसे पीछे हटने की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए पिछले कुछ दिनों में दोनों तरफ से कई बार बातचीत भी हुई है।
Delhi: Army Chief General MM Naravane arrives at Defence Minister Rajnath Singh's residence pic.twitter.com/31Rz7IqylT
— ANI (@ANI) June 16, 2020
शिवसेना ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति पर ‘‘स्पष्टता’’ की मांग की
शिवसेना ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी जवानों के बीच हिंसक झड़प को लेकर मंगलवार को स्पष्टता की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को ‘‘निर्वाचित विपक्ष’’ को भरोसे में लेने की आवश्कयता है। शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि सरकार को मीडिया को ‘‘अटकलबाजी’’ करने के लिए प्रेरित नहीं करना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रिय भारत सरकार, आप वह कर रहे हैं जो देश हित में है, लेकिन हमें स्पष्टता चाहिए। देश एकजुट होकर आपके साथ खड़ा है, लेकिन वे जानने के हकदार हैं।’’
चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘निर्वाचित विपक्ष को विश्वास में नहीं लेना रणनीतिक रूप से भी अच्छा विचार नहीं है। अंतिम बात यह कहना चाहती हूं कि मीडिया को अटकलबाजी लगाने के लिए प्रेरित मत कीजिए। केवल तथ्य बताइए।’’ शिवसेना नेता ने कहा, ‘‘मैं दिल में देश प्रेम की भावना लिए बहादुरी के साथ सीमा पर खड़े बहादुर जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त करती हूं और उन्हें नमन करती हूं। उम्मीद है कि हमारे देश के गौरव के लिए इसका जल्द ही समाधान मिलेगा।’’ पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी बलों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल और दो अन्य जवान शहीद हो गए थे।