उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले (अब अयोध्या) में स्थित बाबरी मस्जिद (विवादित ढांचा) को 6 दिसंबर, 1992 को गिरा दिया गया था। जानकारी के अनुसार 6 दिसंबर को करीब 1,50,000 कारसेवकों ने एक हिंसक रैली चलाई। इसमें मुंबई, वाराणसी से लेकर दिल्ली तक कारसेवकों ने हिस्सा लिया। नतीजतन भारत के कई प्रमुख शहरों में दंगे जैसे हालात बन गए थे। एक रिपोर्ट के अनुसार इन दंगों में 2,000 से अधिक लोग मारे गये। मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अटल बिहारी वाजपेयी, कल्याण सिंह समेत कई नेताओं को आरोपी बनाया गया था। बाद में इसमें न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह लिब्राहन ने अपनी रिपोर्ट में 68 लोगों को दोषी माना, जिनमें ये सभी नाम थे। Read More
अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा ने बताया कि ‘रेड जोन’ उच्च सुरक्षा क्षेत्र में आने वाली रामजन्म भूमि के आस-पास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और इसके नजदीक स्थित अन्य मुख्य धार्मिक स्थलों की भी कड़ी निगरानी की जा रही है। ...
जीवन के 84 वसंत देख चुके रामकिशोर गोस्वामी अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि कैसे वह अपने करीब 200 साल पुराने मकान के समीप बनी बाबरी मस्जिद के आसपास खेला करते और तब वहां इस मस्जिद के आसपास सुरक्षाकर्मियों का कोई पहरा नहीं हुआ करता था। उन ...
नीरज गोस्वामी उस समय 10 साल के थे। उन्होंने बताया, ‘‘कार सेवकों पर जुनून छाया था। 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद की तीन गुंबदों को एक-एक कर उन्होंने लोहे की छड़ों और अन्य चीजों से तोड़-तोड़ कर ढहा दिया, जिससे वहां धूल का गुबार छा गया। बाद में इसका प्रभाव ...
पांच अक्टूबर को सत्र अदालत ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक सभी गवाहों को 24 दिसंबर, 2019 तक प्रस्तुत करना होगा और यह तारीख (इस मामले में) आखिरी कार्य दिवस होगा। ...
मौलान अरशद मदनी ने कहा कि फैसले को जीत या हार के तौर पर नहीं देखना चाहिए। मौलाना मदनी के अनुसार, 'ये फैसला हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं है लेकिन सर्वोच्च न्यायालय सर्वोच्च है।' ...
अयोध्या मामले पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी इसे खबर को प्रमुखता दी गई। पाकिस्तान के लगभग सभी अखबारों ने अपने ऑनलाइट संस्करण में इस फैसले पर अपनी रिपोर्ट छापी है। ...