Ayodhya Verdict: गूगल में ट्रेंड हुआ अयोध्या पर फैसला, जानें लोग क्या कर रहे हैं सर्च?
By सुमित राय | Published: November 9, 2019 02:16 PM2019-11-09T14:16:27+5:302019-11-09T14:30:31+5:30
अयोध्या विवाद पर फैसला आने के साथ ही गूगल पर अयोध्या मामला और उसका फैसला सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया। 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से विवादित भूमि को राम लला विराजमान को देने और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन देने का फैसला किया। कोर्ट ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बने और इसकी योजना तैयार की जाए। चीफ जस्टिस ने कहा कि ढहाया गया ढांचा ही भगवान राम का जन्मस्थान है और हिंदुओं की यह आस्था निर्विवादित है।
अयोध्या विवाद पर फैसला आने के साथ ही गूगल पर अयोध्या मामला और उसका फैसला सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। गूगल पर लोग अयोध्या मामले को लेकर जमकर सर्च कर रहे हैं और पिछले एक सप्ताह के मुकाबले सर्चिंग 8 गुना बढ़ गई है। 4 नवंबर को अयोध्या विवाद को लेकर सर्चिंग 25 थी, जो 9 नवंबर को बढ़कर 200 प्वाइंट हो गई।
गूगल ट्रेंड्स के मुताबिक अयोध्या विवाद को लेकर सबसे ज्यादा सर्च 8 और 9 नवंबर को किए गए हैं। वहीं डेटा के मुताबिक अक्टूबर महीने में अयोध्या की सबसे ज्यादा सर्चिंग 16 अक्टूबर को हुई थी, जिस दिन सुप्रीम कोर्ट में विवाद को लेकर सुनवाई खत्म हुई थी।
गूगल पर क्या सर्च कर रहे हैं लोग
- अयोध्या फैसला
- जय श्री राम
- अयोध्या वर्डिक्ट
- निर्मोही अखाड़ा
- अयोध्या जजमेंट
- बाबरी मस्जिद
- शेबेट
- अयोध्या वर्डिक्ट 2019
- अयोध्या वर्डिक्ट न्यूज
- अयोध्या रिजल्ट
कहां हो रही है सबसे ज्यादा सर्चिंग
अयोध्या विवाद पर फैसला आने के बाद अयोध्या की वर्ड की सबसे ज्यादा सर्चिंग उत्तर प्रदेश से की जा रही है। इसके बाद दूसरे नंबर पर कर्नाटक, तीसरे नंबर गोवा और चौथे नंबर पर दिल्ली का नंबर है। इसके साथ ही ट्विटर पर भी लोग #अयोध्यावर्डिक्ट और #राममंदिर को लेकर जमकर ट्वीट कर रहे हैं।
अयोध्या विवाद में कब क्या हुआ
इतिहासकारों के मुताबिक, बाबर इब्राहिम लोदी से 1526 में भारत आया था। बाबर के सूबेदार मीरबाकी ने 1528 में अयोध्या में मस्जिद बनवाई। बाबर के सम्मान में इसे बाबरी मस्जिद नाम दिया गया।
हिंदू समुदाय का कहना था कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। बाबरी मस्जिद को कार सेवकों ने छह दिसंबर, 1992 को गिरा दिया था। इसके बाद 2002 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित ढांचे के मालिकाना हक को लोकर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की।
2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या का 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन हिस्सों में समान बांट दिया जाए। एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा रामलला विराजमान को मिले। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं।
साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई और 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद को लेकर दाखिल विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। अगस्त 2019 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर हिंदू और मुस्लिम पक्ष की अपीलों पर सुनवाई शुरू की और 16 अक्टूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई पूरी हुई।