शाकाहार, योग और ध्यान ने नोवाक जोकोविच को सफलता के शिखर पर पहुंचाया, जानें उनकी डेली रूटीन
By भाषा | Published: February 3, 2020 11:23 AM2020-02-03T11:23:24+5:302020-02-03T11:23:24+5:30
नोवाक जोकोविच की दिनचर्या अनूठी और अनुकरणीय है। वह सूर्योदय से पहले अपने परिवार के साथ उठ जाते हैं
आठवां ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब जीतकर महानतम टेनिस खिलाड़ियों की जमात में शामिल होने वाले नोवाक जोकोविच ने इस शानदार फॉर्म का श्रेय शाकाहार, योग और ध्यान को दिया है। युद्ध की विभीषिका झेलने वाले बेलग्राद में पैदा हुए सर्बिया के इस टेनिस स्टार ने सूखे स्वीमिंग पूल में अभ्यास करके टेनिस का ककहरा सीखा।
अब रिकॉर्ड 14 करोड़ डॉलर ईनामी राशि के साथ मोंटे कार्लो में महल सरीखे घर में रहते हैं। अपने करियर में कई उतार चढाव झेल चुके जोकोविच अब पहले से अधिक परिपक्व और मंझे हुए नजर आते हैं। पिछले साल करीब पांच घंटे चला विम्बलडन फाइनल और 2012 में पांच घंटे 53 मिनट तक चला ऑस्ट्रेलियाई ओपन फाइनल उन्होंने जीता। अब तक 17 ग्रैंडस्लैम जीत चुके 32 वर्ष के जोकोविच की नजरें रोजर फेडरर और रफेल नडाल का रिकॉर्ड तोड़ने पर लगी है।
जोकोविच की दिनचर्या अनूठी और अनुकरणीय है। वह सूर्योदय से पहले अपने परिवार के साथ उठ जाते हैं, सूर्योदय देखते हैं और उसके बाद परिवार को गले लगाते हैं, साथ में गाते हैं और योग करते हैं। दो बच्चों के पिता जोकोविच पूरी तरह से शाकाहारी हैं।
नेटफ्लिक्स की डाक्यूमेंट्री ‘द गेम चेंजर्स’ में उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि मैं दूसरे खिलाड़ियों को शाकाहार अपनाने के लिए प्रेरित कर सकूंगा।’’ आठवां ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीतने का जश्न उन्होंने पार्टी करके नहीं, बल्कि शहर के बोटेनिकल गार्डन में अंजीर के पेड़ पर चढकर मनाया। उन्होंने कहा, ‘‘यह ब्राजीली अंजीर का पेड़ मेरा दोस्त है, जिस पर चढना मुझे पसंद है। यह मेरा सबसे मनपसंद काम है।’’
पहली बार 2008 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीतने वाले जोकोविच ने 2011 से 2016 के बीच में 24 में से 11 ग्रैंडस्लैम जीते और सात के फाइनल में पहुंचे। इसके बाद वह खराब दौर और कोहनी की चोट से जूझते रहे, लेकिन 2017 विम्बलडन के बाद फॉर्म में लौटे। इस बीच उन्होंने अध्यात्म की शरण ली और लंबे ध्यान सत्रों में भाग लिया। इसने उन्हें अधिक सहनशील और संतुष्ट बनाया।