Australian Open: जोकोविच ने राओनिक को हराया, सेमीफाइनल में पक्की की फेडरर से भिड़ंत
By भाषा | Published: January 29, 2020 08:07 AM2020-01-29T08:07:10+5:302020-01-29T08:07:10+5:30
Australian Open: रोजर फेडरर सात मैच पॉइंट बचाते हुए सेमीफाइनल में पहुंचे जबकि नोवाक जोकोविच ने मिलोस राओनिक को हराते हुए बनाई अंतिम चार में जगह
मेलबर्न: स्विट्जरलैंड के दिग्गज रोजर फेडरर चमत्कार में विश्वास करते हैं और ऐसा ही चमत्कार उन्होंने मंगलवार को यहां ऑस्ट्रेलियाई ओपन में दिखाया जब इस 38 वर्षीय खिलाड़ी ने सात मैच पॉइंट बचाकर वर्ष के पहले ग्रैंडस्लैम के सेमीफाइनल में जगह बनायी जहां उनका सामना गत विजेता सर्बिया के नोवाक जोकोविच से होगा।
छह बार के चैंपियन फेडरर ने चौथे सेट में 4-5 के स्कोर पर तीन और फिर टाईब्रेकर में चार मैच पॉइंट बचाये करारे शॉट जमाने में माहिर और कोर्ट पर चपल टैनिस सैंडग्रेन को पांच सेट तक चले क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में 6-3, 2-6, 2-6, 7-6 (10-8), 6-3 से हराया।
फेडरर की जीत की भूख अब भी पहले की तरह बरकरार है और उन्होंने समय समय पर इसे जाहिर किया था। अपने से दस साल छोटे और 100वीं रैंकिंग के अमेरिकी खिलाड़ी के खिलाफ भी उन्होंने अपने जोश, जज्बे और भरोसे को दिखाकर यादगार वापसी की और 15वीं बार आस्ट्रेलियाई ओपन के अंतिम चार में प्रवेश किया जहां उनका सामना नोवाक जोकोविच से होगा। जोकोविच ने क्वॉर्टर फाइनल में कनाडा के मिलोस राओनिक को शिकस्त देकर अंतिम चार में जगह पक्की की।
विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज सर्बिया के इस खिलाड़ी ने बड़े सर्विस करने के लिए जाने जाने वाले राओनिच को 6-4, 6-3, 7-6 से हराकर अपने आठवें ऑस्ट्रेलियाई ओपन और 17वें ग्रैंड स्लैम की तरफ कदम बढाया। आस्ट्रेलियाई ओपन के पिछले 14 सत्र में इन दोनों खिलाड़ियों ने 12 बार खिताब साझा किये है। दोनों के बीच अब तक 49 मुकाबले खेले गये है जहां सर्बिया के खिलाड़ी ने 26 में जीत दर्ज की है जबकि स्विट्जरलैंड के फेडरर ने 23 मुकाबले जीते है।
जोकोविच रिकॉर्ड 15वीं बार ऑस्ट्रेलियाई ओपन सेमीफाइनल में
ऑस्ट्रेलियाई ओपन में रिकार्ड 15वीं बार सेमीफाइनल में पहुंचे जोकोविच ने फेडरर के प्रति सम्मान जताते हुए कहा, ‘‘रोजर के प्रति मेरे मन में अगाध श्रद्धा है। मैं चाहूंगा कि अच्छा खेलने वाला खिलाड़ी जीते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ फेडरर ने इस उम्र में सात मैच प्वाइंट बचाकर वापसी की जो बेहद ही शानदार है। इस बीच फेडरर को अभद्र भाषा का उपयोग करने के लिये चेतावनी भी मिली। इसके बाद तीसरे सेट में वह ग्रोइन की चोट के लिये कोर्ट से बाहर भी गये और बाद में उन्होंने दायें पांव की मालिश के लिये एक ट्रेनर की मदद ली।
फेडरर ने बाद में कहा, ‘‘मैं चमत्कार में विश्वास करता हूं। कभी कभी भाग्य भी आपका साथ देता है। ’’ इस 20 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन ने कहा, ‘‘मैच आगे बढ़ने के साथ मैं बेहतर महसूस करने लगा और सारा दबाव हट गया। मैं इसका हकदार नहीं था लेकिन मैं यहां खड़ा हूं और निश्चित तौर पर बहुत खुश हूं। ’’
सैंडग्रेन ने दूसरा और तीसरा सेट जीतने के बाद चौथे सेट में 5-4 से बढ़त बना रखी थी। फेडरर की सर्विस पर उनके पास तीन मैच प्वाइंट थे। पहले पर सैंडग्रेन ने बैकहैंड नेट पर मार दिया। दूसरे में उनका फोरहैंड बाहर चला गया और तीसरे में फोरहैंड नेट पर जा लगा। यह गेम टाईब्रेकर तक खिंचा जिसमें स्कोर एक समय 3-3 से बराबर था। सैंडग्रेन ने अगले तीन अंक जीते और अब उन्हें जीत के लिये एक अंक की जरूरत थी। इस पूरे टाईब्रेकर में उन्हें चार मैच प्वाइंट मिले लेकिन वह किसी का फायदा नहीं उठा पाये। फेडरर ने दूसरे सेट प्वाइंट पर स्कोर 2-2 से बराबर किया और फिर पांचवां सेट जीतकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
नंबर एक खिलाड़ी एश्ले बार्टी भी सेमीफाइनल में
इस बीच महिला वर्ग में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी एश्ले बार्टी ने पेत्रा क्वितोवा को सीधे सेटों में हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया जहां उनका सामना अमेरिका की 14वीं वरीयता प्राप्त सोफिया केनिन से होगा। आस्ट्रेलिया की शीर्ष वरीयता प्राप्त बार्टी ने पहले सेट में जूझने के बाद चेक गणराज्य की सातवीं वरीय क्वितोवा को 7-6 (8/6), 6-2 से हराकर यहां पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनायी। इस तरह से 23 साल की बार्टी ने दो बार की विंबलडन चैंपियन क्वितोवा से पिछले साल क्वार्टर फाइनल में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया।
ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ी हालांकि पिछले 12 महीनों से बेहतरीन फार्म में हैं। उन्होंने पिछले साल फ्रेंच ओपन जीता और पहली बार रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंची। बार्टी ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से अविश्वसनीय है। मैं जानती थी कि मुझे पेत्रा के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। पहला सेट महत्वपूर्ण था।’’
बार्टी 1978 में क्रिस ओ नील की खिताबी जीत के बाद मेलबर्न में खिताब जीतने वाली पहली आस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी बनने की कवायद में है। इस बीच सोफिया केनिन ने ट्यूनीशिया की ओनस जाबेर के विजय अभियान पर रोक लगाकर पहली बार किसी ग्रैंडस्लैम के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। उन्होंने गैरवरीयता प्राप्त जाबेर को 6-4, 6-4 से हराया। मास्को में जन्मी 21 वर्षीय केनिन ने पिछले दौर में अमेरिका की 15 वर्षीय कोको गॉफ को हराया था। उन्होंने कहा कि वह बेहद उत्साहित हैं। बचपन में ही अपने परिवार के साथ न्यूयार्क में बसने वाली केनिन ने कहा, ‘‘यह कड़ा मैच था। उसने अच्छा खेल दिखाया। ’’