सरकारी एजेंसी ने जारी किया अलर्ट, तुरंत अपडेट करें क्रोम ब्राउजर
By रजनीश | Published: May 10, 2020 01:42 PM2020-05-10T13:42:22+5:302020-05-10T17:38:19+5:30
एजेंसी की ओर से कहा गया है कि गूगल क्रोम वर्जन 81.0.4044.138-1 से पहले के सभी वर्जन को निशाना बनाया जा सकता है। ऐसे में अगर आप गूगल क्रोम ब्राउजर के पुराने वर्जन को इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपके डेटा और सिस्टम पर अटैक किया जा सकता है।
इंडियन कंज्यूमर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने सभी लोगों स्मार्टफोन और कंप्यूटर यूजर्स के लिए हाई रिस्क रेटिंग वाली एडवाइजरी जारी की है। CERT-In की ओर से इंटरनेट यूजर्स को तुरंत गूगल क्रोम ब्राउजर अपडेट करने के लिए कहा गया है।
CERT-In के मुताबिक गूगल क्रोम से जुड़ा हाई सिक्यॉरिटी रिस्क सामने आया है। इसकी मदद से सिस्टम को टारगेट करने के लिए रिमोट अटैक्स किए जा सकते हैं।
TOI की खबर के मुताबिक सरकार की एजेंसी CERT-In टीम का कहना है कि रिमोट अटैकर आर्बिटरेरी कोड को ब्राउजर के वर्तमान वर्जन की मदद से टारगेट सिस्टम में भेज सकते हैं।
एजेंसी की ओर से कहा गया है कि गूगल क्रोम वर्जन 81.0.4044.138-1 से पहले के सभी वर्जन को निशाना बनाया जा सकता है। ऐसे में अगर आप गूगल क्रोम ब्राउजर के पुराने वर्जन को इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपके डेटा और सिस्टम पर अटैक किया जा सकता है। इससे बचने के लिए क्रोम ब्राउजर अपडेट कर लेना चाहिए।
गूगल ने हाल ही में नया गूगल 81 वर्जन रोलआउट किया है। विंडो, मैक और लिनक्स यूजर्स इसके स्टेबल वर्जन 81.0.4044.138 को अपडेट कर सकते हैं।
डेटा चोरी का खतरा
एजेंसी की ओर से कहा गया है, आर्बिटरेरी कोड एग्जक्यूशन से जुड़ी खामी दरअसल गूगल क्रोम के ब्लिंक कॉम्पोनेंट से जुड़े एक टाइप कन्फ्यूजन एरर की वजह से देखने को मिली।
कोई रिमोट अटैकर इस खामी का फायदा उठाकर स्पेशल तरह से क्रिएट की गई फाइल की मदद से टारगेट सिस्टम पर अटैक कर सकता है। एक बार यह कोड सिस्टम तक पहुंच जाने के बाद आसानी से यूजर्स की सिस्टम फाइल्स से छेड़छाड़ की जा सकती है और पर्सनल डेटा चोरी किया जा सकता है।
गूगल लाया लेटेस्ट अपडेट
CERT-In की ओर से हाल ही में आईफोन यूजर्स के लिए भी एक एडवाइजरी जारी की गई थी और उनसे फायरफॉक्स फॉर iOS इंटरनेट ब्राउजर पर किए जा रहे रिमोट अटैक से बचकर रहने को कहा गया था।