बजट 2018: मिडिल क्लास को झटका, मोबाइल फोन और TV खरीदने के लिए खर्च करने होंगे ज्यादा पैसे
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: February 1, 2018 02:12 PM2018-02-01T14:12:25+5:302018-02-01T14:41:41+5:30
मोबाइल फोन होंगे महंगे, कस्टम ड्यूटी 15 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत कर दी गई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 के बजट पेश किया है। जेटली ने अपने बजट भाषण के दौरान घोषणा की कि मोबाइल पर लगने वाला कस्टम ड्यूटी 15 से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है। कस्टम ड्यूटी बढ़ने से ब्रांडेंड स्मार्टफोन्स पहले से ज्यादा मंहगे होंगे। इससे पहले देश में इम्पोर्ट होने वाले ब्रांडेंड कंपनियों के स्मार्टफोन्स पर 15 प्रतिशत सीमा शुल्क चुकाने होते थे जिसे अब बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी गई है।
क्या होती है कस्टम ड्यूटी
कस्टम ड्यूटी को लेकर कई लोगों में भ्रम है। कई लोगों को इस बारे में सटीक जानकारी नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कस्टम ड्यूटी विदेश से इम्पोर्ट होने वाले सामान पर लगाई जाती है। सरकार ने बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) को GST के दायरे से बाहर रखा है। यानी आपको आगे भी सरकार की ओर से तय दर से कस्टम ड्यूटी का भुगतान करना होगा।
एप्पल और सैमसंग कंपनियों के स्मार्टफोन्स होंगे महंगे
देश में कस्टम ड्यूटी के बढ़ने से बाहर से आने वाली चीजों की कीमत मंहगी हो जाएंगी। यानी कि कस्टम ड्यूटी के चलते एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनियों के स्मार्टफोन अब पहले से ज्यादा महंगे मिलेंगे। मोबाइल फोन महंगे होने के अलावा टीवी की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी। टीवी के भी दाम बढ़ेंगे। टीवी के कलपुर्जों पर भी 15 फीसदी कस्टम ड्यूटी बढ़ी है।
टेलीकॉम सेक्टर के लिए बजट में 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए टेलीकॉम सेक्टर के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। अरुण जेटली ने डिजिटल इंडिया पर जोर देते हुए कहा कि टोल प्लाजा पर नकद की जगह इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की व्यवस्था की जायेगी।
पहला स्वदेशी 5G केंद्र खुलेगा चेन्नई में
वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट में डिजिटल इंडिया के लिए 3037 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। उन्होंने कहा कि 5G टेक्नोलॉजी के लिए चेन्नई में देश का सबसे पहला टेस्टबेड खुलेगा। भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत 1 लाख ग्राम पंचायत जोड़ी जाएंगी। वित्त मंत्री ने अपने बजट में टेक्नोलॉजी पर खासा जोर देते हुए कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए टेक्नोलॉजी बेहद जरूरी है।