सस्ते कॉल का जमाना 'खत्म', 50 प्रतिशत ज्यादा देना होगा मोबाइल बिल
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: December 2, 2019 12:15 PM2019-12-02T12:15:49+5:302019-12-02T12:15:49+5:30
वोडा-आइडिया, जियो, एयरटेल और बीएसएनएल सभी कंपनियों ने पहले ही अपने टैरिफ प्लान महंगे किए जाने की घोषणा कर दी थी। लोगों को 50 प्रतिशत तक ज्यादा मोबाइल बिल चुकाने होंगे।
टेलीकॉम कंपनियों की ओर से टैरिफ प्लान महंगे किए जाने के बाद से यूजर्स इस बात को लेकर कंफ्यूज है कि किस कंपनी का प्लान दूसरे नेटवर्क से सस्ता होगा। वोडा-आइडिया, जियो, एयरटेल और बीएसएनएल सभी कंपनियों ने पहले ही अपने टैरिफ प्लान महंगे किए जाने की घोषणा कर दी थी।
Voda-Idea ने दूसरे नेटवर्क पर कॉल किए जाने पर प्रति मिनट 6 पैसे का शुल्क लगाने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा कि ऑन-नेट कॉलिंग की FUP (Fair usage Policy) लिमिट खत्म होने के बाद हर कॉल के लिए 6 पैसे प्रति मिनट की दर से चार्ज किया जाएगा। यह रिलायंस जियो के IUC जैसा ही है।
हालांकि ऐसे ही चार्ज जियो (Jio) की ओर से बढ़ाए जाने पर, दूसरी टेलीकॉम कंपनियों ने सवाल उठाए थे। लेकिन इसके बाद दूसरी टेलीकॉम कंपनियों ने भी अपने प्लान में वैसी बढ़ोत्तरी की और दूसरे नेटवर्क पर कॉल रेट को बढ़ा दिया। इन कंपनियों ने 2016 के बाद पहली बार टैरिफ प्लान महंगे किए हैं।वहीं, विश्लेषकों का कहना है कि यह भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री में पहली बार टैरिफ प्लान में इतनी बढ़ोतरी की गई है।
घाटे में चल रही है टेलीकॉम कंपनियां
वोडा-आइडिया और एयरटेल कंपनियां पहले से ही घाटे में चल रही है। कंपनियों पर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज है जिन्हें जनवरी अंत तक जमा किए जाने के लिए डेडलाइन मिली है। दूसरी ओर Jio का कहना है कि उसने टेलीकॉम इंडस्ट्री को बनाए रखने में मदद करने के लिए यह कदम उठाया है। उन पर 7 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज है और दुनिया का सबसे कम ऐवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर (ARPU) है।
कब से होंगे प्लान महंगे
एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने सिर्फ प्रीपेड ग्राहकों के लिए टैरिफ की कीमतों को बढ़ाया है। यह इनके कुल यूजर के 90 पर्सेंट से ज्यादा हैं। दोनों कंपनियों के प्रीपेड प्लान में बढ़ी कीमत 3 दिसंबर से लागू होंगे। वहीं, रिलायंस जियो के नए प्रीपेड प्लान की कीमतें 6 दिसंबर से लागू हो जाएंगी।
कितने महंगे हुए प्लान
टेलीकॉम इंडस्ट्री के विश्लेषकों का कहना है कि टैरिफ की कीमतों में सोच से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इन्हें अनुमान था कि टैरिफ 30 प्रतिशत तक बढ़ाए जाएंगे। SBI Cap सिक्योरिटी के रिसर्च हेड राजीव शर्मा ने कहा, 'यह टेलिकॉम सेक्टर के इतिहास की सबसे बड़ी टैरिफ बढ़ोतरी है। टैरिफ में औसतन 30-35% का इजाफा हुआ है और कुछ मामलों में यह 45% से ऊपर है। वॉइस कॉल की कीमत पूरी तरह से वापस आ गई है और यह तुरंत शून्य तक नहीं जा सकती, क्योंकि ऑपरेटर वॉइस कॉल के लिए FUP और ऑफ-नेट कॉल का उपयोग कर रहे हैं।
फ्री कॉलिंग की सुविधा हो सकती है खत्म
राजीव शर्मा ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियां अगले 6-9 महीने में अपने नेटवर्क पर भी कॉल करने के लिए चार्ज लेना शुरू कर सकती हैं। इससे एक बार फिर लोग दो सिम लेने के लिए सोच सकते हैं और ड्यूल सिम का चलन बढ़ सकता है।
शर्मा ने कहा, 'जियो कुछ प्राइस प्लान में प्रतिद्वंद्वियों के बराबर होगा और अन्य में 5-10 पर्सेंट तक सस्ता होगा। हालांकि, यह एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के मुकाबले 20 पर्सेंट तक कम टैरिफ ऑफर करेगा।'
वोडाफोन-आइडिया ने महंगे किए प्लान
मोबाइल कंपनियों के संगठन सीओएआई तथा दो प्रमुख उद्योग मंडल सीआईआई एवं फिक्की ने इस क्षेत्र को डूबने से बचाने के लिए सरकार को लिखा है। वोडाफोन आइडिया की विज्ञप्ति के मुताबिक, उसने सर्वाधिक 41.2 प्रतिशत की वृद्धि सालाना प्लान में की है। उसके इस प्लान की दर 1,699 रुपये से बढ़कर 2,399 रुपये हो गयी है। इसी तरह रोजाना डेढ़ जीबी डेटा की पेशकश के साथ 84 दिन की वैधता वाले प्लान की दर 458 रुपये से 31 प्रतिशत बढ़ा कर 599 रुपये कर दी गयी है। कंपनी का 199 रुपये वाला प्लान अब 249 रुपये का हो जाएगा। कंपनी ने इसके साथ ही अन्य नेटवर्क पर आउटगोइंग कॉल करने पर छह पैसे प्रति मिनट की दर से शुल्क लगाने की भी घोषणा की है।
एयरटेल ने 41 फीसदी महंगा किया सालाना प्लान
एयरटेल ने सालाना प्लान को 41.14 प्रतिशत बढ़ा कर 1,699 रुपये की जगह 2,398 रुपये का कर दिया है। कंपनी का सीमित डेटा वाला सालाना प्लान अब 998 रुपये की जगह तीन तारीख से 1,498 रुपये का हो जाएगा। इस प्लान की दर में यह 50.10 प्रतिशत की वृद्धि है। इसी तरह एयरटेल ने 82 दिन की वैधता के साथ असीमित डेटा वाले प्लान को 499 रुपये से 39.87 प्रतिशत बढ़ाकर 698 रुपये और सीमित डेटा कर दिया है। कंपनी की 82 दिन की वैधता वाले प्लान की दर 33.48 प्रतिशत महंगी हो गयी है। इसकी दर अब 448 रुपये से बढ़ाकर 598 रुपये कर दी गयी है। इन दोनों प्लान की वैधता अब 82 दिन की जगह 84 दिन होगी। कंपनी ने 28 दिन की वैधता वाले विभिन्न प्लान की दरों में 14 रुपये से लेकर 79 रुपये तक की वृद्धि की है।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर केंद्र की बात को सही करार देते हुए कंपनियों को आदेश दिया है कि वे उसके आधार पर सरकार को पुराना सांविधिक बकाया चुकाएं जो करीब 1.47 लाख करोड़ बनता है। न्यायालय ने 24 अक्टूबर 2019 को दूरसंचार राजस्व आकलन के सरकार के तरीके को सही माना। इसके तहत लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्कों की गणना की जाती है।
इस आदेश के तहत शुरुआती अनुमान के अनुसार एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य दूरसंचार परिचालकों को सरकार को तीन महीने के भीतर 1.33 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है। सरकार ने कंपनियों को राहत देते हुए स्पेक्ट्रम की किस्तों के भुगतान के लिए दो साल (2020-21 तथा 2021-2022) की मोहलत दे दी है। समझा जाता है कि इससे उन्हें 42,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।