भारत की मशहूर धरोहरों की हिंदी में वीडियो बनाएगा नासा
By भाषा | Published: June 18, 2019 03:33 PM2019-06-18T15:33:00+5:302019-06-18T15:33:00+5:30
नासा के वीडियो में दिल्ली में 402 ईसवीं में बना लोहे का वह स्तंभ भी है जो लोहारों के कौशल का प्रमाण है। लोहे से बना यह स्तंभ सदियों से अलग-अलग मानसून के बावजूद बिना जंग लगे जस का तस खड़ा है।
अमेरिका ने नासा के वित्त पोषण वाले एक कार्यक्रम में भारत में स्थित मशहूर पुरातात्विक स्थलों और संस्थानों का वीडियो बनाया गया है और साथ ही उनकी वैज्ञानिक तथा तकनीक संबंधी जानकारी हिंदी में दी गई है। ये वीडियो जयपुर में आमेर का किला और हवा महल, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल कुतुब मीनार और उसमें स्थित जंग प्रतिरोधक लौह स्तंभ, चांद बावड़ी की सीढ़ियां और जयपुर फुट के मुख्यालय पर केंद्रित हैं।
नासा द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रम स्टारटॉक ने हिंदी, अरबी, चीनी और दुनिया की अन्य भाषाओं को पढ़ाना तथा सीखना अपने लिए प्राथमिकता का मुद्दा बना लिया है। इस परियोजना के निदेशक वेद चौधरी को 90,000 डॉलर का अनुदान मिला है। इस कार्यक्रम का प्रबंधन मैरीलैंड विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय विदेशी भाषा केंद्र कर रहा है।
इस परियोजना के प्रधान अन्वेषक आलोक कुमार ने कहा, ‘‘यह अनोखा अनुभव है। मुझे नहीं पता था कि मुझे अपने शोध में इतना मजा आएगा।’’ मैरीलैंड विश्वविद्यालय ने बताया कि विज्ञान आधारित ये अनुसंधान उन स्थलों पर किए जा रहे है जिनका चयन आलोक ने किया है।
आलोक ने बताया कि 1799 में एक हिंदू वास्तुकार ने बिना किसी एयर कंडीशनिंग के मधुमक्खी के छत्ते जैसा हवा महल बनाया। इस महल की छोटी-छोटी खिड़कियों से अंदर जाती हवा प्रवाह की गति बढ़ाती है और प्राकृतिक ठंडापन देती है।
विश्वविद्यालय ने कहा कि दिल्ली में 402 ईसवीं में बना करीब 24 फुट लंबा लौहे का स्तंभ हिंदू लोहारों के कौशल का प्रमाण है जिन्होंने फास्फोरस से समृद्ध लोहे से इसे बनाया जिससे सदियों से मानसून और झुलसती गर्मी के बावजूद बिना जंग लगे यह जस का तस खड़ा है।