भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव और पिछले दिनों किसान आंदोलन के कारण ट्विटर पर सस्पेंड किए गए कई अकाउंट के बाद से लोग इसके विकल्प की तलाश कर रहे हैं। इन दिनों ट्विटर का भारतीय वर्जन 'कू एप' लोगों के बीच चर्चा में है। 'कू एप' सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेंड कर रहा है। कई राजनेता और सेलिब्रेटीज ने 'कू एप' पर अपना अकाउंट बना लिया है।
यही वजह है कि यह एप सोशल मीडिया पर इतनी तेजी के साथ ट्रेंड कर रहा है। आम आदमी भी धीरे-धीरे ट्विटर का दामन छोड़ 'कू एप' की तरफ खींचे चले आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी 'कू एप' पर अपना अकाउंट बना लिया है। गोयल के अलावा कई अन्य मंत्रियों ने भी 'कू एप' का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। रवि शंकर प्रसाद और पीयूष गोयल जैसे नेताओं ने इस एप पर आकर इसका समर्थन किया है।
ट्विटर पर मिलने वाली हर सुविधा मिलेगी यहां
आत्मनिर्भर भारत एप्लीकेशन चैलेंज के तहत सरकार ने इस एप को अगस्त 2020 में बनाया था। ट्विटर की तरह ही कू भी अपने यूजर्स को डायरेक्ट मैसेज के जरिए चैट करने की सुविधा देता है। इतना ही नहीं यूजर्स इस इस माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट पर कंटेंट भी शेयर कर सकते हैं। यह लोगों के लिए बिल्कुल ट्वीटर के अंदाज में काम कर रहा है। कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण हैं।
जानिए आखिर क्या है 'कू एप'
इस एप में वह सभी खूबिया हैं जो ट्विटर में थे। यह एक माइक्रोब्लॉगिंग साइट है जिसे ट्विटर की टक्कर में पेश किया गया है। देखा जाए तो इस एप को मेड इन इंडिया ट्विटर भी कहा जा सकता है। लोगों को अपनी बात रखने में आसानी हो, इस वजह एप को कई भाषाओं में लॉन्च किया गया है जिसमें हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, तमिल, मलयालम, गुजराती, मराधी, पंजाबी, ओड़िआ, आसामी शामिल है। भविष्य में इस एप में मराठी, गुजराती, पंजाबी, आसामी, बांग्ला, मलयालम, उड़िया जैसी भाषाएं भी शामिल की जाएगी।