धड़ल्ले से करते हैं ऑनलाइन पेमेंट तो हो जाइये सावधान, बीते 1 महीने में 61 हजार से अधिक धोखाधड़ी के मामले हो चुके हैं दर्ज
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 14, 2022 09:33 PM2022-06-14T21:33:02+5:302022-06-14T21:37:39+5:30
बीते महीने में ऑनलाइन फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के मामले में कम से कम 61,100 धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज की गई हैं। इन शिकायतों में 33,712 ऐसे मामले हैं, जिनमें धोखाधड़ी के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल किया गया है, जबकि 10,898 शिकायतें डेबिट या क्रेडिट कार्ड या फिर मोबाइल फोन सिम कार्ड की अदला-बदली के जरिये हुई हैं।
दिल्ली: ऑनलाइन पेमेंट यानी कैशलेश चलन के मामले में एक गंभीर सूचना मिल रही है। केंद्र सरकार के अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़े केअनुसार पिछले महीने ऑनलाइन फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के मामले में कम से कम 61,100 धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज की गई हैं।
समाचार वेबसाइट 'हिंदुस्तान टाइम्स' के मुताबिक दर्ज की गई कुल शिकायतों में 33,712 ऐसे मामले हैं, जिनमें धोखाधड़ी के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) नंबरों का इस्तेमाल किया गया है, जबकि 10,898 शिकायतें डेबिट या क्रेडिट कार्ड या फिर मोबाइल फोन सिम कार्ड की अदला-बदली के तहत हुई फ्रॉड से संबंधित है।
वहीं इंटरनेट बैंकिंग के जरिये 7,099 मामले, वॉयस कॉल के जरिये 5,503 मामले, ई-वॉलेट के जरिये 3,010 मामले, डीमैट अकाउंट के जरिये 769 मामले और ईमेल फ्रॉड के जरिये 187 मामले शामिल हैं।
बीते 30 दिनों में कुल 61,178 मामले दर्ज होने का मतलब है कि एक दिन में लगभग 2,000 धोखाधड़ी के केस दर्ज हुए। वहीं अगर बीते 4 महीने के औसत की बात करें तो लगभग 2,500 औसतन मामले प्रति दिन दर्ज किये गये हैं। जानकारी के मुताबिक बीते 9 जून को महज एक दिन में लगभग 3,500 ऑनलाइन फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया गया है।
मिल जानकारी के मुताबिक बीते साल 2021 में ऑनलाइन धोखाधड़ी के औसतन प्रतिदिन लगभग 1,500 मामले दर्ज होते थे। वहीं इस में दर्ज हो रहे रोजाना रिपोर्ट के मामले लगभग दोगुने हो गए हैं।
61,100 धोखाधड़ी की यह शिकायतें सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल पर जारी की गई रिपोर्ट के आधार पर साझा की गई हैं। इस संबंध में बीते गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के उपायों पर गहन चर्चा की गई।
इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और भारतीय रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक के बाद बताया गया कि ऑनलाइन धोखाधडी के मामले इसलिए तेजी से बढ़ रहे हैं क्योंकि यूपीआई जैसी नई टेक्नोलॉजी को कंट्रोल करने के लिए कोई रेगुलेट्री सिस्टम नहीं है।
मालूम हो कि फाइनेंशियल फ्रॉड की घटनाएं केवल इसलिए तेजी से बढ़ रही हैं क्योंकि फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन ज्यादा से ज्यादा यूपीआई आधारित हो गया है। आरबीआई अपनी रेगुलेटरी रोल को एनपीसीआई को नहीं सौंप सकता। इसलिए यह जरूरी है कि बैंकों और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन को यूपीआई-आधारित अपराधों के लिए जिम्मेदार बनाया जाए।