डेटिंग एप्स में इस बारें में लोग करते हैं सबसे ज्यादा बात, सामने आई जेनरेशन Z की रूचि
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 1, 2020 11:38 IST2020-01-01T11:38:19+5:302020-01-01T11:38:19+5:30
टिंडर रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जेनरेशन Z टीनेजर्स अपने काम या मिशन के बारे में जिक्र करना पसंद करते हैं। मिलेनियल्स के बारे में जो रिपोर्ट निकल कर आई उसके मुताबिक मिलेनियल्स तीन गुना ज्यादा ट्रेवल का जिक्र करते हैं।

मिलेनियल्स का फोकस इस बात पर रहता है कि उनकी सैलरी बेसिक एक्सपेंसेज और वैकेशंस को कवर करे।
साल 2019 में डेटिंग एप टिंडर (Tinder) ने एक रिपोर्ट जारी की। अपनी इस रिपोर्ट में टिंडर ने इस बात की जानकारी दी की लोग किस बारे में ज्यादा बात कर रहे हैं, लोगों के बीच कौन से मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। इस रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण बात निकल कर सामने आई है कि जेनरेशन Z के बीच क्लाइमेट चेंज सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। जेनरेशन Z सामान्य तौर पर ऐसे टीनेजर्स को कहा जाता है जिनका जन्म 1995 से 2019 के बीच हुआ हो।
पर्यावरण में हो रहे बदलाव पर जेनरेशन Z के लोग न केवल आवाज उठा रहे हैं, बल्कि डेटिंग ऐप्स पर इसकी लगातार चर्चा भी कर रहे हैं। टिंडर ने जेनरेशन Z पर फोकस इस रिपोर्ट को इयर-इन-रिव्यू रिपोर्ट नाम दिया है। रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि कि डेटिंग ऐप पर जेनरेशन Z के बीच 'क्लाइमेट चेंज', 'एनवायरमेंट' और 'सोशल जस्टिस' जैसे मुद्दे सबसे ज्यादा चर्चा में रहे हैं। टिंडर ने यह भी माना कि साल 2019 में टिंडर के यूजर्स में जेनरेशन Z की बड़ी हिस्सेदारी रही।
बड़ी आईटी कंपनी डेलॉयट की 2018 की एक रिपोर्ट में भी कुछ ऐसे ही रुझान सामने आए हैं। डेलॉयट की रिपोर्ट के मुताबिक, जेनरेशन Z की 77 फीसदी संख्या की सोशल एक्टिविज्म को लेकर प्राथमिकता इस स्तर की थी कि वे ऐसे संस्थानों में काम करेंगे, जिनकी वैल्यू उनसे मेल खाती हो और उनका यह दृष्टिकोण केवल उनकी प्रोफेशनल लाइफ तक सीमित नहीं है। जेनरेशन Z यूजर्स यह भी चाहते हैं कि उनके रोमांटिक पार्टनर्स का जुड़ाव सामाजिक कार्यों में हो।
टिंडर रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जेनरेशन Z टीनेजर्स अपने काम या मिशन के बारे में जिक्र करना पसंद करते हैं। मिलेनियल्स के बारे में जो रिपोर्ट निकल कर आई उसके मुताबिक मिलेनियल्स तीन गुना ज्यादा ट्रेवल का जिक्र करते हैं। बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी दूसरे जेनरेशन के मुकाबले मिलेनियल्स कहीं ज्यादा पैसा ट्रेवल पर खर्च करते हैं। साथ ही जहां जेनरेशन जेड टीनेजर्स इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनकी वैल्यू एंप्लॉयर से मेल खाती हो। वहीं, मिलेनियल्स का फोकस इस बात पर रहता है कि उनकी सैलरी बेसिक एक्सपेंसेज और वैकेशंस को कवर करे।
कौन हैं मिलेनियल्स-
1980 या 82 से साल 2000 के बीच जो लोग पैदा हुए हैं यानी 21वीं सदी की शुरूआत में वयस्क हुए हैं, उन्हें मिलेनियल्स कहा जाता है। इस शब्द को हम युवा आबादी या उभरते हुए युवाओं के तौर पर भी समझ सकते हैं।
न्यूज वेबसाइट इनसाइडहुक की रिपोर्ट के मुताबिक, मिलेनियल्स के बीच टॉप ट्रेडिंग टर्म में 'रियल', 'लिट', 'स्टैन' और 'टी' रहे। 2018 के बिजनेस इनसाइडर सर्वे में यह बात सामने आई कि मिलेनियल्स के मुकाबले जेनरेशन Z यूजर्स कहीं ज्यादा सोशल जस्टिसमाइंडेड रहे।