देवनागरी-कन्नड़ समेत 9 भारतीय भाषाओं में दिखेंगे इंटरनेट के डोमेननेम, ऐसे होंगे नये यूआरएल- लोकमतन्यूज.इन
By भाषा | Published: August 12, 2018 12:13 PM2018-08-12T12:13:50+5:302018-08-12T12:13:50+5:30
इस दिशा में कई बड़ी एजेंसियां काम कर रही है ताकि अंग्रेजी का ज्ञान नहीं रखने वाले लोग भी अपनी भाषाओं में डोमेन नाम के साथ ऑनलाइन जाकर वेबसाइट देख सकें।
कोलकाता, 12 अगस्त:इंटरनेट डोमेन नाम अबतक आपको अंग्रेजी में ही उपलब्ध थे लेकिन जल्द ही आप अपनी क्षेत्रीय भाषा में भी इंटरनेट डोमेन का नाम बना सकेंगे।
गैर लाभकारी निगम इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स (आईसीएएनएन) दुनिया भर में इंटरनेट के डोमेन नाम प्रणाली (डीएनएस) का कामकाज देखता है। निगम देश की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं सहित भारत में बोली जाने वाली कई भाषाओं में डोमेन नाम तैयार करने के काम में जुटा है।
आईसीएएनएन के भारत प्रमुख समीरन गुप्ता ने ‘प्रेट्र’ को बताया, ‘‘भारत की नौ लिपियों बंगाली, देवनागरी, गुजराती, गुरमुखी, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, तमिल और तेलगू पर काम जारी है। उम्मीद है कि कई स्थानीय भाषाओं का काम भी इन लिपियों के जरिये हो जाएगा।’’ ऐसे में लोग अपने वेबसाइट का नाम हिन्दी व अन्य भाषाओं में लिख सकते हैं। मसलन आप यह खबर आप lokmatnews.in पर पढ़ रहे हैं। अगर यह प्रणाली लागू हो गई तो आपको यही वेबसाइट 'लोकमतन्यूज.इन' या कन्नड़ समझने वाले लोग ಲೊಕ್ಮ್ಯಾಟ್ನ್ಯೂಸ್.ಇನ್ के तौर पर देख सकते हैं।
आईसीएएनएन वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल होने वाली लिपियों के वास्ते उच्चस्तरीय डोमेनों के लिए सुरक्षित और स्थिर दिशा में काम कर रही है ताकि अंग्रेजी का ज्ञान नहीं रखने वाले लोग भी अपनी भाषाओं में डोमेन नाम के साथ ऑनलाइन जाकर वेबसाइट देख सकें।
एक उदाहरण के तौर पर अब तक लोग इस उद्देश्य के लिए अंग्रेजी में डोमेन नाम टाइप करते थे लेकिन इसके बजाय अब एक व्यक्ति हिन्दी में सामग्री प्राप्त करने के लिए हिन्दी में डोमेन डाल सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया की करीब 52 प्रतिशत आबादी इस समय इंटरनेट का इस्तेमाल करती है और आईसीएएनएन डिजिटल दूरियों की खाई को पाटने की दिशा में काम कर रहा है।
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