लाइव न्यूज़ :

Vat Savitri Vrat 2024 Niyam: सौभाग्य प्राप्ति के लिए वट सावित्री व्रत करते समय इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान

By रुस्तम राणा | Updated: May 28, 2024 14:58 IST

Vat Savitri Vrat 2024 Date: इस साल 06 जून, गुरुवार को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि आज के दिन वट वृक्ष की पूजा करने से पति की आयु लम्बी होती हैं और दांपत्य जीवन में आ रही परेशानियां दूर होती हैं।

Open in App

Vat Savitri Vrat 2024 Niyam:  वट सावित्री व्रत सौभाग्य प्राप्ति के लिए रखा जाता है। यह व्रत प्रति वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर रखा जाता है। इस साल 06 जून, गुरुवार को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। इस व्रत में विवाहित महिलाएं बरगद क पेड़ की पूजा करती हैं। मान्यता है कि आज के दिन वट वृक्ष की पूजा करने से पति की आयु लम्बी होती हैं और दांपत्य जीवन में आ रही परेशानियां दूर होती हैं। हालांकि व्रत का फल व्रती को तभी प्राप्त होता है जब वह नियमानुसार, सच्चे मन से व्रत का पालन करती है। जो महिलाएं इस व्रत को पहली बार रखती हैं उनके लिए यह व्रत अहम हो जाता है। उन्हें इस व्रत को विधि-विधान से नियमपूर्वक करना चाहिए। आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत के नियम -  

1. अगर आप पहली बार वट सावित्री का व्रत करने जा रही हैं तो ध्यान रखें इस दिन 16 शृंगार करके पूजन करें। सिर्फ यही नहीं बिना पूजा किए किसी भी तरह का अन्न-जल ना ग्रहण करें। सूर्य देव को जल का अर्घ्य जरूर दें। भीगे हुए चने का बायना निकाले। 

2. वट सावित्री व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। दो बांस वाली टोकरी लें एक में 7 प्रकार के अनाज भर लें और उसमें बह्मा जी का मूर्ति को स्थापित करें। वहीं दूसरी टोकरी में भी सप्त धान्य (सात प्रकार के अनाज) भरकर सावित्री और सत्यवान की मूर्ति स्थापित करें और इस टोकरी को पहली टोकरी के बाएं रखें।

3. इसके बाद इन दोनों टोकरी वट वृक्ष के नीचे ले जाकर स्थापित कर दें। अब विधि विधान से पूजा करें और पूजा के समय वट वृक्ष की जड़ को जल अर्पित करें और उसकी चारों ओर 7 बार कच्चा धागा लपेटें। इसके बाद वट वृक्ष की परिक्रमा जरूर करें। 

4.वट वृक्ष के पत्तों की माला बनाकर पहनें और वट सावित्री व्रत कथा जरूर सुनें। वहीं चने का बायना और कुछ पैसे अपनी सास को देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।

5. इसके अलावा फल, अनाज, कपड़ा आदि एक टोकरी में रखकर किसी ब्राह्मण को दान करें। मान्यता है कि इस व्रत का पारण 11 भीगे हुए चने खाकर किया जाता है।

टॅग्स :वट सावित्री व्रतहिंदू त्योहारअमावस्या
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार