लाइव न्यूज़ :

Tulsi Vivah 2021: तुलसी विवाह कल, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट

By रुस्तम राणा | Updated: November 14, 2021 10:45 IST

माना जाता है कि जो कोई भक्त देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का अनुष्ठान विधि-विधान से करता है उसे कन्यादान के बराबर पुण्यफल प्राप्त होता है। 

Open in App

तुलसी विवाह का आयोजन प्रति वर्ष कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवउठनी एकादशी) तिथि के दिन किया जाता है। हालांकि कहीं-कहीं पर द्वादशी तिथि के दिन भी तुलसी विवाह किया जाता है। ऐसे में आज और कल दोनों दिन तुलसी विवाह का आयोजन हो सकता है। तुलसी विवाह के दिन तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम से विधि-विधान से करवाया जाता है जो भगवान विष्णु के अवतार हैं। वहीं तुलसी का पौधा मां लक्ष्मी का प्रतीक स्वरूप माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार महीने की नींद पूरी करके उठते हैं। और इसी दिन से सारे शुभ काम शुरू हो जाते हैं। हिन्दू धर्म में प्रत्येक घर में तुलसी विवाह को महत्व दिया जाता है। तुलसी विवाह को कन्यादान के बराबर माना जाता है।

तुलसी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:58 बजे से 05:51 बजे तकअभिजित मुहूर्त- सुबह 11:44 बजे से दोपहर 12:27 बजे तकविजय मुहूर्त- दोपहर 01:53 बजे से दोपहर 02:36 बजे तकअमृत काल- दोपहर  01:02 बजे से दोपहर 02:44 बजे तकगोधूलि मुहूर्त- शाम 05:17 बजे से शाम 05:41 बजे तकनिशिता मुहूर्त- रात्रि 11:39 बजे से रात्रि 12:33 बजे तक

तुलसी पूजन की विधि

सूर्योदय से पहले उठकर दैनिक कार्य कर साफ वस्त्र धारण करें।तुलसी के पौधे को लाल चुनरी ओढ़ाएं।इसके बाद तुलसी का श्रृंगार करें।इसके बाद शालिग्राम को स्थापित करें।विधिवत पंडित जी से उनका विवाह करवाएं।तुलसी विवाह के बाद तुलसी और शालिग्राम की सात परिक्रमा करें।और अंत में तुलसी जी की आरती गाएं।

पूजन सामग्री

श्रृंगार का पूरा सामान, धूप, चंदन अगरबत्ती, चंदन, मौली, चुनरी, पूजा में मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, मंडप हेतु गन्ना, अमरुद और अन्य ऋतु फल चढाएं जाते हैं।

तुलसी विवाह का पौराणिक महत्व

कहा जाता है कि एक बार माता तुलसी ने भगवान विष्णु को नाराज होकर श्राप दे दिया था कि तुम काला पत्थर बन जाओगे। इसी श्राप की मुक्ति के लिए भगवान ने शालीग्राम पत्थर के रूप में अवतार लिया और तुलसी से विवाह कर लिया। वहीं तुलसी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। हालांकि कई लोग तुलसी विवाह एकादशी को करते है तो कहीं द्वादशी के दिन तुलसी विवाह होता है। माना जाता है कि जो कोई भक्त देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का अनुष्ठान विधि-विधान से करता है उसे कन्यादान के बराबर पुण्यफल प्राप्त होता है। 

टॅग्स :देवउठनी एकादशीएकादशीपूजा पाठहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार