हिन्दू शास्त्रों में तुलसी का बेहद महत्व बताया गया है। खासकर कार्तिक के महीने में तुलसी की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है। इस पूरे महीने में तुलसी पूजन का अपना एक विशेष महत्व बताया जाता है।
तुलसी की महत्ता हमारे पुरानी परंपराओं में बताई गई है। प्राचीन काल से ही लोग घर के आगंन में तुलसी की पूजा करते थे। राजा हो या रंक हर मनुष्य तुलसी की पूजा करता आया है। कार्तिक महीने में भी लोग तुलसी की पूजा विधि विधान से करते हैं। शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय और लक्ष्मी का रूप माना जाता है। कहा ये भी जाता है कि हर घर में तुलसी का पौधा होना अनिवार्य है।
बताया जाता है कि जिस घर में भी तुलसी का पौधा हो वहां देवी-देवताओं का वास होता है। साइंस की दृष्टी से भी तुलसी के पौधे शरीर के लिए बेहद जरूरी होते हैं। तुलसी का पौधा शरीर के लिए लाभकारी तत्व रिलीज करता है। मगर तुलसी की पूजा करते समय भी लोग अक्सर छोटी-छोटी गलतियां कर जाते हैं जिन्हें बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
आइए आपको बताते हैं वो 5 गलतियां जिन्हें तुलसी की पूजा करते समय आपको कतई नहीं करना चाहिए-
1. जब भी कभी पूजा के लिए तुलसी के पत्ते को तोड़े तो ध्यान रखें वो सुबह का समय हो। शाम के समय कभी भी तुलसी को नहीं तोड़ना चाहिए ये अशुभ बताया जाता है।
2. रविवार के दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीपक न जलाएं। कहा जाता है कि इस दिन तुलसी के पत्तों को हाथ भी नहीं लगाना चाहिए। इससे कुछ अशुभ होने की संभवाना होती है।
3. श्रीहरि को तुलसी बहुत प्रिय बताया जाता है। इसलिए भगवान विष्णु और इनके अवतारों को तुलसी का दल जरूर अर्पित करें। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
5. तुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं होते। तो आप चाहें तो पूजा में तुलसी के पुराने पत्तों का भी प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही तुलसी को हमेशा बहते जल में ही प्रवाहित करें।
तुलसी पूजा की विधि
1. तुलसी की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नानादि कार्य कर लें।2. इसके बाद आंगन में रखे तुलसी के पौधे पर साफ जल या गंगाजल चढ़ाएं।3. घी का दीपक, हल्दी और सिंदूर से तुलसी को चढ़ाएं।
कहते हैं तुलसी पूजा करने से घर में आई हुई नेगेटिव एनर्जी का असर कम हो जाता है। सिर्फ यही नहीं तुसली का पौधा घर पर रखने से घर को किसी की नजर नहीं लगती और सुख-समृद्धि भी बनी रहती है।