Tula Sankranti 2019: कब है तुला संक्रांति, जानें इस दिन पूजा व स्नान करने का महत्व
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 15, 2019 07:04 IST2019-10-15T07:04:08+5:302019-10-15T07:04:08+5:30
Tula Sankranti 2019: तुला संक्रांति का त्योहार कर्नाटक में बड़े ही पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। इसे ‘तुला संक्रमण’ के नाम से भी जाना जाता है।

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हिंदू कैलेंडर के मुताबिक हिंदु धर्म में कार्तिक माह बेहद ही खास माना जाता है। कार्तिक महीने में कई हिंदू धर्म के त्योहार पड़ते हैं। ऐसा ही एक त्योहार है तुला संक्रांति। हर कोई जानना चाहता है कि तुला संक्रांति कब है और तुला संक्रांति का महत्व क्या है? सबसे पहले हम आपको बता दें कि तुला संक्रांति 17 अक्टूबर 2019 को है।
तुला संक्रांति का त्योहार कर्नाटक में बड़े ही पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। इसे ‘तुला संक्रमण’ के नाम से भी जाना जाता है। तुला संक्रांति के दिन ‘तीर्थोद्भव’ या 'तीर्थधव' के नाम से कावेरी के तट पर मेला लगता है, जहां स्नान और दान-पुण्य किया जाता है। जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। यह मकर संक्रांति की तरह होता है।
क्या है तुला संक्रांति त्योहार
सूर्य का तुला राशि में प्रवेश तुला संक्रांति कहलाता है। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने में पड़ता। तुला संक्रांति का कर्नाटक में खास महत्व है। इसे ‘तुला संक्रमण’ कहा जाता है। इस दिन ‘तीर्थोद्भव’ या 'तीर्थधव' के नाम से कावेरी के तट पर मेला लगता है, जहां स्नान और दान-पुण्य किया जाता है।
संक्रांति क्या है?
सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने को संक्रांति कहते हैं। संक्रांति एक सौर घटना है। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक पूरे वर्ष में प्रायः कुल 12 संक्रान्तियाँ होती हैं और प्रत्येक संक्रांति का अपना अलग महत्व होता है। शास्त्रों में संक्रांति की तिथि एवं समय को बहुत महत्व दिया गया है। संक्रांति के दिन पितृ तर्पण, दान, धर्म और स्नान आदि का काफी महत्व है।