Swami Vivekananda Jyanti: नरेंद्र नाथ का नाम कैसे पड़ा स्वामी विवेकानंद, जानें उनके जीवन से जुड़ी 10 बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 12, 2020 07:27 IST2020-01-12T07:27:09+5:302020-01-12T07:27:09+5:30
Swami Vivekananda Jyanti: स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ था। उनके जन्मदिन को भारत में हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Swami Vivekananda Jyanti: स्वामी विवेकानंद की जंयती आज (फाइल फोटो)
Swami Vivekananda Jyanti: महान दार्शनिक और अध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की आज जयंती है। अपने प्रेरक विचारों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में हुआ था। विवेकानंद के पिता विश्वनाथ दत्त कोलकाता हाई कोर्ट के वकील थे जबकि मां धार्मिक विचारों वाली महिला थी। एक संपन्न परिवार से होने के नाते उनकी शिक्षा-दीक्षा भी अच्छी हुई। हालांकि, पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार को परेशानियां भी झेलनी पड़ी। आगे चलकर विवेकानंद ने युवा अवस्था में ही मोह-माया त्याग दी और सन्यासी बन गए।
Swami Vivekanand Jyanti: जानें स्वामी विवेकानंद के बारे में खास बातें
1. स्वामी विवेकानंद का जन्म कोलकाता के कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। संन्यासी बनने के बाद उनका नाम स्वामी विवेकानंद हो गया।
2. नरेंद्र दत्त ने 25 साल की उम्र में घर-बार छोड़ दिया था और सन्यासी बन गये थे।
3. उनकी मुलाकात अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस से 1881 में कोलकाता के दक्षिणेश्वर के काली मंदिर में हुई थी।
4. कहते हैं कि गुरु परमहंस ने उनका जीवन के असल ज्ञान से परिचय कराया। विवेकानंद ने जब पहली बार परमहंस से मुलाकात की तो उन्होंने यही सवाल किया जो वे पहले भी कई लोगों से पूछ चुके थे कि 'क्या आपने भगवान को देखा है?'
5. परमहंस ने ये सवाल सुनने के बाद कहा- 'हां मैंने देखा है। मैं भगवान को उतना ही साफ देख रहा हूं जितना कि तुम्हें देख सकता हूं। ईश्वर को देखा जा सकता है, उनसे बातें की जा सकती हैं, लेकिन उन्हें चाहता ही कौन है?'
6. स्वामी विवेकानंद का अमेरिका में हुए धर्म संसद में दिया गया भाषण काफी प्रचलित रहा। उन्होंने 11 सितंबर, 1893 को ये भाषण दिया था। उन्होंने जब भाषण की शुरुआत 'अमेरिका के भाइयों और बहनों' के संबोधन से शुरू की तो पूरा हॉल तालियों से गूंज गया।
7. स्वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 में कोलकाता में रामकृष्ण मिशन और 9 दिसंबर 1898 को बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की।
8. स्वामी विवेकानंद को दमा और शुगर की बीमारी थी। उनकी मृत्यु केवल 39 बरस की उम्र में 4 जुलाई 1902 को बेलूर स्थित रामकृष्ण मठ में हुई। ऐसा कहते हैं ध्यानमग्न अवस्था में उन्होंने महासमाधि धारण कर प्राण त्याग दिए।
9. स्वामी विवेकानंद का अंतिम संस्कार बेलूर में गंगा तट पर किया गया।
10. स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन यानी 12 जनवरी को भारत में हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1985 से हुई और अब भी जारी है।