सोनभद्र की सोन पहाड़ी में सोने के लिए खनन हुआ तो ढह सकता है हजारों साल पुराना ये मंदिर, गजब का है कनेक्शन
By विनीत कुमार | Published: February 26, 2020 01:00 PM2020-02-26T13:00:16+5:302020-02-26T13:00:16+5:30
सोनभद्र के पनारी गांव पंचायत की जुड़वानी गांव के पास स्थित सोन पहाड़ी में खनन की चर्चा पिछले कई दिनों से चल रही है। हालांकि, कुछ लोग इससे नाराज भी हैं।
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की जिस सोन पहाड़ी में स्वर्ण अयस्क मिलने की संभावना बताई जा रही है, उसे लेकर एक नई मुश्किल आ खड़ी हुई है। दरअसल अगर वहां सोने का खनन किया जाता है उस पहाड़ी पर मौजूद आदिवासियों के कुलदेवता का एक मंदिर ढह सकता है।
इससे पहले वहां जितना सोना होने की बात पहले कही गई थी, उसे भी खारिज जा चुका है। बहरहाल, जिस मंदिर को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बातें सामने आ रही है, वह आदिवासियों के कुलदेवता सोनयित डीह बाबा से जुड़ा है।
कहते हैं कि इनकी पूजा-अर्चना आदिवासी राजा बल शाह भी किया करते थे। यह मंदिर अब हजारों आदिवासियों की आस्था का केंद्र बन चुका है। सोन पहाड़ी की चोटी की ऊंचाई करीब पांच सौ फीट बताई जाती है। इसी की चोटी में सोनयित डीह बाबा का स्थान है। यह पहाड़ी सोनभद्र के पनारी गांव पंचायत की जुड़वानी गांव में स्थित है।
हाल ही में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने अपने सर्वे में यहां करीब तीन हजार टन स्वर्ण अयस्क पाए जाने और उससे करीब 160 किलोग्राम सोना निकलने की संभावना जताई है।
सोनभद्र: सोनयित डीह बाबा मंदिर से जुड़ी क्या है कहानी
कहते हैं कि करीब 711 ईस्वी में चंदेल शासक के हमले के बाद आदिवासी राजा बल शाह अपना अगोरी किला छोड़कर किसी गुफा में छिप गए थे। वहीं, उनकी रानी जुरही देवी ने इस मंदिर में शरण ली।
हालांकि, चंदेल शासक आखिरकार जुरही देवी को खोजने में सफल रहे और उन्हें पकड़कर जुगैल गांव के जंगल में ले जाकर मार दिया। इसी मंदिर में अष्टधातु की बहुत पुरानी तलवार भी रखी है। इसे आदिवासी लोग रानी जुरही की तलवार बताते हैं और उसकी पूजा भी करते हैं।
कुछ बुजुर्ग आदिवासियों का ये भी मानना है कि राजा बल शाह ने भारी मात्रा और करीब सौ मन तक (चार हजार किलोग्राम) सोना पहाड़ी में छिपा रखा था। इसकी रखवाली खुद सोनयित डीह बाबा करते हैं। यही कारण है कि अंग्रेज भी यहां सोना नहीं खोज सके थे।