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Sawan Somwar Vrat 2024: कब है सावन का पहला सोमवार, 5 शुभ योगों में होगी शिव पूजा, जानें महत्व और पूजा विधि

By रुस्तम राणा | Updated: July 5, 2024 13:45 IST

Sawan Somwar Vrat 2024: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे साल शिव पूजा से जो पुण्य फल मिलता है, वह सावन सोमवार में भगवान शिव का जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पित करने से प्राप्त होता है।

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Sawan Somwar Vrat 2024: इस वर्ष सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है। इस बार संयोग यह है कि  श्रावण मास प्रारंभ भी इसी दिन (22 जुलाई) से हो रहा है और समाप्त भी इसी दिवस (19 अगस्त, सोमवार) से होगा। हिंदू धर्म में श्रावण माह का विशेष महत्व है। यह भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस महीने पड़ने वाले सोमवार व्रत सावन सोमवार व्रत कहलाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे साल शिव पूजा से जो पुण्य फल मिलता है, वह सावन सोमवार में भगवान शिव का जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पित करने से प्राप्त होता है। सावन सोमवार का व्रत करने और भगवान शिव की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करने पर जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। 

सावन सोमवार व्रत 2024 की तिथियां 

सावन का पहला सोमवार- 22 जुलाईसावन का दूसरा सोमवार- 29 जुलाईसावन का तीसरा सोमवार- 05 अगस्तसावन का चौथा सोमवार- 12 अगस्तसावन का पांचवां सोमवार- 19 अगस्त

सावन के पहले सोमवार पर बने 5 शुभ योग

सावन के पहले सोमवार पर इस बार 5 अद्भुत योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। सावन के पहले सोमवार पर प्रीति योग के साथ आयुष्मान योग बन रहा है। साथ ही चंद्रमा और मंगल एक दूसरे से नौवें और पांचवे भाव में मौजूद रहने से नवम पंचम योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन शनि स्वराशि कुंभ में रहने की वजह से शश योग बन रहा है। शश योग के साथ सभी कार्यों को सिद्ध करने वाला सर्वाद्ध सिद्ध योग भी सावन के पहले सोमवार को बन रहा है। इस पांच शुभ योग में भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना करने से जीवन में शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी।

सावन सोमवार व्रत विधि

सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर व्रत का संकल्प लें। अब पूजा स्थल की साफ सफाई कर वेदी स्थापित करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सुबह शाम शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें। तिल के तेल का दीपक जलाएं और भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित करें। भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें और शिप चालीसा का पाठ करें। शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करें और सुपारी, पंचामृत, नारियल और बेलपत्र चढ़ाएं। सावन व्रत कथा का पाठ करना न भूलें। भगवान शिव को भोग लगाएं। शाम को पूजा समाप्ति के बाद व्रत खोलें।

सावन सोमवार का महत्व

शिव पुराण के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत करने से भाग्योदय होता है और भक्तों पर शिव कृपा भी बनी रहती है। साथ ही जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए सावन सोमवार का व्रत किया जाता है। सावन में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से ग्रह-नक्षत्रों का शुभ फल प्राप्त होता और सभी दोष दूर होते हैं। जो प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा अर्चना नहीं कर सकता, उसे सावन सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अवश्य करनी चाहिए और व्रत रखना चाहिए। 

 

टॅग्स :सावनभगवान शिवहिंदू त्योहार
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