बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को प्रति वर्ष बसंत पंचमी मनाई जाती है और इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की वंदना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन वीणा वादिनी मां शारदा की उत्पत्ति हुई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां सरस्वती का जन्म ब्रह्मा जी के स्तुति से हुआ था।
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचमी तिथि प्रारंभ: 5 फरवरी को प्रातः 3.47 बजे से पंचमी तिथि समाप्त: 6 फरवरी को प्रातः 3.46 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त – 5 फरवरी को प्रातः 07:07 से दोपहर 12:35 बजे तक
सरस्वती पूजा की विधि
बसंत पंचमी के दिन साधक को सुबह जल्दी उठें।साफ-सफाई के बाद स्नान आदि के बाद पूजा की तैयारी करें। माता सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। चंदन, अक्षत, हल्दी, रोली सहित पीले या सफेद रंग के फूल और पीली मिठाई माता को अर्पित करें। पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को माता के सामने रखें। इसके बाद मां सरस्वती की वंदना का पाठ करें। मां सरस्वती के लिए व्रत भी रख सकते हैं।
सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवलाया शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना।या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दितासा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥
सरस्वती वंदना गीत-वर दे, वीणावादिनि वर दे !प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नवभारत में भर दे!
काट अंध-उर के बंधन-स्तरबहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भरजगमग जग कर दे!
नव गति, नव लय, ताल-छंद नवनवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;नव नभ के नव विहग-वृंद कोनव पर, नव स्वर दे!
वर दे, वीणावादिनि वर दे।
मां सरस्वती की आरती
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॐ जय..
चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥ ॐ जय..
बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला॥ ॐ जय..
देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया।पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥ ॐ जय..
विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो॥ ॐ जय..
धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो।ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥ ॐ जय..
मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें।हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें॥ ॐ जय..
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॐ जय..
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॐ जय..