रामायण: मेघनाद से लक्ष्मण की जीत का कारण थीं पत्नी उर्मिला, 14 वर्ष तक पति से दूर रह निभाया था ये धर्म-पढ़ें यहां

By मेघना वर्मा | Updated: April 18, 2020 08:41 IST2020-04-18T08:41:14+5:302020-04-18T08:41:14+5:30

रामायण में इन दिनों राम-रावण के युद्ध को प्रसारित किया जा रहा है। रामायण में लक्ष्मण और मेघनाद के युद्ध के बाद भी लोगों के  बीच इसकी काफी चर्चा हो रही है।

ramayan know all about laxman wife urmila sacrifice laxman victory behind lanka battle | रामायण: मेघनाद से लक्ष्मण की जीत का कारण थीं पत्नी उर्मिला, 14 वर्ष तक पति से दूर रह निभाया था ये धर्म-पढ़ें यहां

रामायण: मेघनाद से लक्ष्मण की जीत का कारण थीं पत्नी उर्मिला, 14 वर्ष तक पति से दूर रह निभाया था ये धर्म-पढ़ें यहां

Highlightsउर्मिला ने मिथिला जाने से इनकार कर दिया। उर्मिला ने 14 वर्षों तक पति के बिना रहीं।

देश इस समय कोरोना वायरस की मार झेल रहा है। इसी को देखते हुए देश में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया गया है। जहां पहले ये लॉकडाउन 15 अप्रैल को खत्म होने वाला था वहीं अब ये 3 मई तक बढ़ गया है। ऐसे में सरकार ने लोगों के मनोरंजन के लिए दूरदर्शन पर रामानंद सागर वाली रामायण का प्रसारण एक बार फिर से शुरु कर दिया है जिसे लेकर सोशल मीडिया तक में काफी बज्ज बना हुआ है। 

वहीं रामायण में इन दिनों राम-रावण के युद्ध को प्रसारित किया जा रहा है। रामायण में लक्ष्मण और मेघनाद के युद्ध के बाद भी लोगों के  बीच इसकी काफी चर्चा हो रही है। वहीं रामायण के सभी पात्रों को आपने भी अपने हिसाब से जाना और समझा होगा मगर कभी लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला के बारे में ज्यादा नहीं पढ़ा। आइए आज हम आपको बताते हैं लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला के बारे में।

सीता मां की थीं छोटी बहन

उर्मिला ने 14 वर्षों तक पति के बिना रहीं। उर्मिला, जनकनंदिनी सीता की छोटी बहन थीं। सीता विवाह के समय ही राजा दशरथ ने सुमित्रा के पुत्र लक्ष्मण से उनका विवाह किया था। लोककथाओं के अनुसार जब राम और सीता के साथ लक्ष्मण भी वनवास जाने लगे तो तब पत्नी उर्मिला भी उनके साथ जाने की जिद्द करने लगीं। तब लक्ष्मण ने उन्हें मना कर दिया। 

जब पिता ने किया मायके चलने का अवरोध

लक्ष्मण ने पत्नी उर्मिला से कहा कि उनकी जरूरत अभी राजमाताओं को हैं। इसलिए उन्हें अयोध्या में ही रहना चाहिए। ये उर्मिला के लिए कठिन पल समय था मगर उन्होंने पति की बात को रखा और अयोध्या में ही ठहर गईं। बताया जाता है कि एक बार उर्मिला के पिता अयोध्या आए और उनसे मायके चलने का अनुरोध किया। 

उस समय उर्मिला ने मिथिला जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पति के परिजनों के साथ रहना और दुख में उनका साथ ना छोड़ना ही उसका धर्म है। ये उर्मिला का अखंड पतिव्रत धर्म था।

मेघनाद की पत्नी ने लक्ष्मण से कहा

एक लोक कथा के अनुसार ये बताया जाता है कि मेघनाद पर विजय पाने के लिए लक्ष्मण का उनकी पत्नी का हाथ था। कथा के अनुसार जब मेघनाद के वध के बाद उनका शव राम जी के खेमे में था। जब मेघनाद की पत्नी सुलोचना उसे लेने आयी तो पति का शरीर देखकर रोने लगीं। 

पास खड़े लक्ष्मण से सुलोचा ने कहा-सुमित्रान्नदन, तुम भूलकर भी ये मत समझना की तुमने मेघनाद का वध किया है। मेघनाद को धाराशायी करने की शक्ति विश्व में किसी के पास नहीं थी। यह तो बस दो पतिव्रता नारियों का भाग्य था।

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