हिन्दू सभ्यता में भगवान विष्णु का बहुत महत्व बताया गया है। भगवान विष्णु को यश और धन के लिए भी पूजा जाता है। वैसे तो हर महीने में आने वाली दो एकदाशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है मगर कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली रमा एकादशी का महत्व सबसे अधिक बताया जाता है। मान्यता है कि रमा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी दोषों का नाश होता है।
कब है रमा एकादशी 2019
इस साल रमा एकादशी का ये व्रत 24 अक्टूबर को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। रमा एकादशी का नाम भी मां लक्ष्मी के नाम पर रखा गया है। इस एकादशी में महालक्ष्मी के स्वरूप की अराधना की जाती है। इसी के साथ ही इस दिन विष्णु के पूर्णावतार केशव स्वरूप की भी लोग अराधना करते हैं।
ये है रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त
इस साल एकादशी का व्रत 24 अक्टूबर को पड़ रहा है। शुभ मुहूर्त की बात करें तो एकादशी प्रारंभ हो रही है 24 अक्टूबर 2019 को 1 बजकर नौ मिनट से वहीं समाप्त हो रही है 24 अक्टूबर को रात 10 बजकर 19 मिनट पर। वहीं इस बार व्रत के पारण का समय सुबह 6 बजकर 32 मिनट से 8 बजकर 45 मिनट तक बताया जा रहा है।
रमा एकादशी का पूजा नियम
वैसे तो भगवान विष्णु की पूजा और मां लक्ष्मी की पूजा का अपना अलग ही नियम होता है। मगर रमा एकादशी के दिन जो महिलाएं विष्णु और लक्ष्मी जी का पूजन करते हुए उन्हें कुछ नियमों का खास ध्यान देना चाहिए। उन्हें भूलकर भी पूजा में कुछ गलतियों को नहीं करना चाहिए। आइए बताते हैं कौन से हैं वो नियम जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।
1. रमा एकादशी के दिन कोशिश करें कि दिन भर उपवास रखें। एकादशी के एक दिन पहले दशमी से शुरू हो जाती है। इस दिन सात्विक खाना ही खाएं।2. जो लोग इस उपवास को नहीं रख सकते उस दिन चावल से बने किसी भी तरह के व्यंजन को ना खाएं। एकादशी पर चावल खाना अशुभ बताया जाता है।3. एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें और फिर पूरे विधि-विधान से विष्णु भगवान की अराधना करें। साथ ही भगवान विष्णु को स्पेशल भोग लगाएं।