Raksha Bandhan 2022: रक्षाबंधन का पावन पर्व 11 अगस्त को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, राखी का पावन त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सबसे पहले देवी लक्ष्मी ने राजा बली को राखी बांधकर अपना भाई बना लिया था। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उनके सुखी जीवन की कामना करती हैं। वहीं भाई इस रक्षा सूत्र का धर्म निभाते हुए बहन की रक्षा का संकल्प लेते हैं। शास्त्रों में राखी बांधने के कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, हालांकि अज्ञानतावश हम इन नियमों को नजरअंदाज कर जाते हैं, किंतु इस बार राखी बांधते समय कुछ विशेष बातों का पालन अवश्य करें।
1. रक्षा बंधन पर भाई की कलाई में राखी बांधने से पूर्व आरती की थाल जरूर सजा लें। थाल में दीपक, रोली एवं अन्य आवश्यक चीजें हों। सबसे पहले गणेश जी तथा अपने ईष्ट देवता को राखी बांधे। इसके बाद भाईयों को राखी बांधें। बाद भाई की आरती उतारें।
2. इस दौरान दिशा का अवश्य ध्यान रखें। अपने भाई को पूर्व दिशा की तरफ बिठाकर राखी बांधे और बहन का मुख पश्चिम दिशा की तरफ हो। भाई को राखी बांधते वक्त बहनों का चेहरा दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर और भाइयों को उत्तर-पूर्व दिशा की ओर देखना चाहिए। भूलकर भी उत्तर-पश्चिम दिशा में बैठकर राखी ना बांधे।
3. भाई की कलाई पर कभी काले रंग का धागा या राखी, टूटी या खंडित राखी, प्लास्टिक की राखी और अशुभ चिह्नों वाली राखी नहीं बांधे। यह बहुत अशुभ होता है।
4. राखी बांधते वक्त भाई को पीढ़े पर बैठाएं। सिर पर रुमाल या कोई साफ कपड़ा जरूर रखें। ऐसा करने से भाई और बहन दोनों का भाग्योदय होता है। इस बात का ध्यान रखें कि रक्षा सूत्र तीन रंगों के धागों का लाल पीला और सफेद हो।
राखी बांधते समय इस मंत्र का करें जाप
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।