शीतला माता के इस मंदिर में रखा है एक अद्भुत घड़ा, 800 साल से डाला जा रहा है पानी पर अब भी नहीं भरा!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 3, 2020 12:39 PM2020-02-03T12:39:38+5:302020-02-03T12:39:38+5:30

शीतला माता मंदिर में मौजूद इस घड़े को लेकर मान्यता है कि इसमें कितना भी पानी भरा जाए ये भी भरता नहीं है। कहते हैं इस घड़े में डाले जाने वाले पानी को एक राक्षस पी जाता है।

Rajasthan pali Sheetla Mata temple where water never fills the pot from last 800 years | शीतला माता के इस मंदिर में रखा है एक अद्भुत घड़ा, 800 साल से डाला जा रहा है पानी पर अब भी नहीं भरा!

राजस्थान के पाली में शीतला माता मंदिर (फाइल फोटो)

Highlightsराजस्थान के पाली में शीतला माता मंदिर जहां रखा है रहस्यमयी घड़ाघड़े में पानी डालने की परंपरा 800 साल से चली आ रही है, अब भी नहीं भरा

भारत में कई ऐसी जगहे हैं जिन्हें लेकर चमत्कार का दावा किया जाता रहा है। ऐसी ही एक जगह राजस्थान का पाली जिला है। यहां मौजूद शीतला माता मंदिर में एक घड़े को लेकर दावा किया जाता है कि वह कभी नहीं भरता। यह घड़ा आधा फीट गहरा और करीब इतना ही चौड़ा है। इस घड़े को साल में दो बार श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है।

800 सालों का इतिहास, घड़े के पानी को पी जाता है राक्षस

शीतला माता मंदिर में मौजूद इस घड़े को लेकर मान्यता है कि इसमें कितना भी पानी भरा जाए ये भी भरता नहीं है। कहते हैं इस घड़े में डाले जाने वाले पानी को एक राक्षस पी जाता है जिसका वध शीतला माता ने किया।

घड़े में पानी डालने की परंपरा 800 साल से चली आ रही है। इस घड़े का पानी क्यों नहीं भरता, इसे लेकर विज्ञान भी हैरान है। इस घड़े को लेकर कई शोध भी हो चुके हैं।

साल में दो बार घड़े से हटाया जाता है पत्थर

परंपराओं के अनुसार पिछले 800 सालों से इस घड़े पर रखे पत्थर को साल में दो बार हटाया जाता है। ये मौके होते हैं- शीतला सप्तमी और ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा।

दोनों ही मौकों पर गांव की महिलाएं इसमें कलश से हजारों-हजारों लीटन पानी डालती हैं। दिलचस्प ये है कि इसके बावजूद ये कभी नहीं भरता। मान्यताओं के अनुसार अंत में पुजारी माता को दूध का भोग लगाता है और फिर घड़ा पूरा भर जाता है। इसके बाद इसे बंद कर दिया जाता है।
 
शीतला माता मंदिर के चमत्कारी घड़े से जुड़ी कहानी

ऐसी मान्यता है कि करीब 800 साल पहले यहां बाबरा नाम का राक्षस था। इस गांव के किसी घर में जब भी शादी होती तो वह दूल्हे को मार देता। इसके बाद सभी ने शीतला माता की तपस्या की। शीतला माता तब गांव के एक ब्राह्मण के सपने में आई। उन्होंने कहा कि जब उसकी बेटी की शादी होगी तब वह राक्षस को मार देगीं।

शादी के समय शीतला माता एक छोटी कन्या के रूप में मौजूद थीं। उन्होंने अपने घुटनों से राक्षस को दबोचकर उसका वध कर दिया। अपनी मौत देख राक्षस ने शीतला माता से कहा कि उसे प्यास ज्यादा लगती है। इसलिए साल में दो बार उसे पानी पिलाया जाए। ऐसा सुन शीतला माता ने उसे वरदान दे दिया। कहते हैं कि ये पंरापरा उसी समय से चली आ रही है। 

Web Title: Rajasthan pali Sheetla Mata temple where water never fills the pot from last 800 years

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