Purnima Tithi in 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा हर महीने के शुक्ल पक्ष के आखिरी तिथि होती है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा आमने-सामने होते हैं, जिससे चंद्रमा का पूरा प्रकाश हमें दिखाई देता है। पूर्णिमा तिथि (Purnima Tithi) का धार्मिक महत्व के साथ वैज्ञानिक महत्व भी बहुत ज्यादा है। पूर्णिमा तिथि पर व्रत, पूजा, ध्यान और दान जैसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान बेहद उपयोगी और फलदायी माने जाते हैं। इस दिन किए गए शुभ कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है। पूर्णिमा के दौरान सूर्य और चंद्रमा गुरुत्वाकर्षण बल को बढ़ाते हैं, जिससे समुद्र में उच्च ज्वार होता है। वहीं आयुर्वेद में पूर्णिमा को मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करने का समय माना जाता है। इस दिन पौधों में औषधीय गुण सबसे अधिक होते हैं। आइए जानते हैं साल 2025 में कब-कब पड़ेगी पूर्णिमा तिथि-
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2025 पूर्णिमा तिथि लिस्ट (Purnima Tithi 2025 Date List)
पौष पूर्णिमा व्रत - जनवरी 13, 2025, सोमवारमाघ पूर्णिमा व्रत - फरवरी 12, 2025, बुधवारफाल्गुन पूर्णिमा व्रत - मार्च 13, 2025, बृहस्पतिवारचैत्र पूर्णिमा व्रत - अप्रैल 12, 2025, शनिवारवैशाख पूर्णिमा व्रत - मई 12, 2025, सोमवारज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत - जून 10, 2025, मंगलवारआषाढ़ पूर्णिमा व्रत - जुलाई 10, 2025, बृहस्पतिवारश्रावण पूर्णिमा व्रत - अगस्त 9, 2025, शनिवारभाद्रपद पूर्णिमा व्रत - सितम्बर 7, 2025, रविवारआश्विन पूर्णिमा व्रत - अक्टूबर 6, 2025, सोमवारकार्तिक पूर्णिमा व्रत - नवम्बर 5, 2025, बुधवारमार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत - दिसम्बर 4, 2025, बृहस्पतिवार
शरद पूर्णिमा व्रत अनुष्ठान
सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी, जलकुंड में स्नान ध्यान करना चाहिए। अगर ऐसा संभव न हो पाए तो आप नहाने के जल में थोड़ा गंगाजल डालकर नहा सकते हैं। अब पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर उसमें एक चौकी रखें और चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं। इस चौकी पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करें। मां को धूप, दीप, नैवेद्य और सुपारी आदि अर्पित करें। इसके बाद लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। शाम को भगवान विष्णु जी की भी पूजा करें और तुलसी के समक्ष दीपक जलाएं। चंद्र देव को अर्घ्य दें। खीर बनाकर चंद्रमा की रौशनी में रखें। कुछ घंटों के बाद उस खीर को प्रसाद के रूप बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें।