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Pausha Putrada Ekadashi 2020: पौष पुत्रदा एकादशी अगले हफ्ते, जानिए क्या है पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 2, 2020 14:26 IST

Pausha Putrada Ekadashi 2020: पौष पुत्रदा एकादशी इस बार 6 जनवरी, 2020 को पड़ रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक साल में कुल 24 एकादशी व्रत आते हैं। माह और दिन के अनुसार इनके महत्व भी अलग-अलग हैं।

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ठळक मुद्देPausha Putrada Ekadashi: हिंदू मान्यताओं के अनुसार एक साल में 24 एकादशीमाह और दिन के अनुसार हर एकादशी का महत्व भी अलग-अलग होता है

Pausha Putrada Ekadashi 2020: पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी के तौर पर जाना जाता है। एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है और प्रदोष की तरह ये पावन व्रत भी हर महीने में दो बार पड़ता है। मान्यता है कि एकादशी का हर व्रत करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं।

वहीं, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि मान्यता है कि इसे करने से संतान की प्राप्ति होती है। आईए, नये साल 2020 में पड़ने वाले इस पहले एकादशी और इस बार एकादशी पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में....

Pausha Putrada Ekadashi 2020 Date: पौष पुत्रदा एकादशी कब है

पौष पुत्रदा एकादशी इस बार 6 जनवरी, 2020 (सोमवार) को पड़ रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक साल में कुल 24 एकादशी व्रत आते हैं। माह और दिन के अनुसार इनके महत्व भी अलग-अलग हैं।

शास्त्रों के अनुसार जो लोग संतान की इच्छा रखते हैं, उन्हें पौष पुत्रदा एकादशी जरूर करनी चाहिए। साथ ही जिनके पास संतान है, अगर वे भी इस व्रत को करते हैं तो उनके संतान से संबंधित सभी कष्ट दूर होते हैं। 

Pausha Putrada Ekadashi 2020 Date: पौष पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त

पौष पुत्रदा एकादशी 6 जनवरी को पड़ रहा है। पौष पुत्रदा एकादशी तिथि का प्रारंभ 6 जनवरी, 2020 को सुबह 3 बजकर 6 मिनट से शुरू हो रहा है और ये अगले दिन यानी 7 जनवरी को तड़के 4 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त 7 जनवरी को दोपहर 1.30 बजे से 3 बजकर 55 मिनट तक है। 

Pausha Putrada Ekadashi 2020 Date: पौष पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि

पौष पुत्रदा एकादशी की पूजा की तैयारी दशमी तिथि यानी एक दिन पहले से ही शुरू कर देनी चाहिए। दशमी के दिन नमक का त्याग करें और सात्विक भोजन ही करें। इसके बाद पुत्रदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठे और स्नान आदि कर साफ वस्त्रों को धारन करें। पीले वस्त्र ज्यादा शुभ हैं। इसके बाद विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करें।

एक साफ चौकी पर गंगाजल छिड़के और पीले वस्त्र डालकर भगवान विष्णु का चित्र वहां स्थापित करें। साथ ही कलश की भी स्थापना करें और कलश पर लाल रंग के कपड़े बांधे। भगवान विष्णु को पीले फूल की माला और पुष्प आदि अर्पित करें। साथ ही उन्हें मिठाई आदि भी अर्पित करें और फिर पुत्रदा एकादशी की कथा सुने या पढ़ें। पूजा के बाद भगवान विष्णु की आरती करें भोग लगाएं।  

टॅग्स :एकादशीभगवान विष्णु
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