परशुराम जयंती 2020: परशुराम जयंती कल, काट दिया था अपनी ही माता का गला-पढ़ें भगवान परशुराम की आरती

By मेघना वर्मा | Updated: April 25, 2020 11:19 IST2020-04-25T11:19:12+5:302020-04-25T11:19:12+5:30

इस साल परशुराम जयंती 26 अप्रैल को पड़ रही है। ऐसा भी माना जाता है कि परशुराम का जन्म प्रदोष काल के दौरान हुआ था। 

parshuram jayanti 2020 know thae date and parshuram aarti lyrics in hindi | परशुराम जयंती 2020: परशुराम जयंती कल, काट दिया था अपनी ही माता का गला-पढ़ें भगवान परशुराम की आरती

परशुराम जयंती 2020: परशुराम जयंती कल, काट दिया था अपनी ही माता का गला-पढ़ें भगवान परशुराम की आरती

Highlightsभगवान परशुराम का जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ था। पूर्वी उत्तर भारत में पूरे धूम-धाम के साथ परशुराम जयंती मनाई जाती है।

भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठां अवतार माना जाता है। हर साल वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया को परशुराम जयंती पड़ती है। इस साल परशुराम जयंती 26 अप्रैल को पड़ रही है। ऐसा भी माना जाता है कि परशुराम का जन्म प्रदोष काल के दौरान हुआ था। 

पूर्वी उत्तर भारत में पूरे धूम-धाम के साथ परशुराम जयंती मनाई जाती है। नगर में परशुराम की झांकियां निकाली जाती हैं। मगर इस बार लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में भी भगवान परशुराम की जयंती को मनाएंगें। इस साल कोरोना ने परशुराम जयंती का रंग फीका पड़ेगा।

 भगवान विष्णु के छठे अवतार का उद्देश्य पापी, विनाशकारी और अधार्मिक राजाओं को भगाकर पृथ्वी के भार को दूर करना है जिन्होंने इसके संसाधनों को नष्ट कर दिया और राजाओं के रूप में अपने कर्तव्यों की उपेक्षा की।

पिता की आज्ञा से काट दिया था माता का सिर

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ था। वो ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के पुत्र थे। ऋषि जमदग्नि को सप्त ऋषि कहा जाता था। भगवान परशुराम अति देजस्वी, ओजस्वी और पराक्रमी थे।  

बताया जाता है कि एक बार अपनी पिता की आज्ञा पर उन्होंने अपनी माता का सिर काट दिया था। इसके बाद मां को पुन जीवित करने के लिए भी उन्होंने पिता से वरदान मांगा था। महाभारत के अनुसार महाराज शांतनु के पुत्र भीष्म ने भगवान परशुराम से ही अस्त्र-शस्त्र की विद्या प्राप्त की थी।

भगवान परशुराम की आरती

ऊॅं जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी।

सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी।। ऊॅं जय।।

जमदग्नी सुत नरसिंह, मां रेणुका जाया।

मार्तण्ड भृगु वंशज, त्रिभुवन यश छाया।। 
ऊॅं जय।।

कांधे सूत्र जनेऊ, गल रुद्राक्ष माला।

चरण खड़ाऊँ शोभे, तिलक त्रिपुण्ड भाला।। ऊॅं जय।।

ताम्र श्याम घन केशा, शीश जटा बांधी।

सुजन हेतु ऋतु मधुमय, दुष्ट दलन आंधी।। ऊॅं जय।।

मुख रवि तेज विराजत, रक्त वर्ण नैना।

दीन-हीन गो विप्रन, रक्षक दिन रैना।। ऊॅं जय।।

कर शोभित बर परशु, निगमागम ज्ञाता।

कंध चार-शर वैष्णव, ब्राह्मण कुल त्राता।। ऊॅं जय।।

माता पिता तुम स्वामी, मीत सखा मेरे।

मेरी बिरत संभारो, द्वार पड़ा मैं तेरे।। ऊॅं जय।।

अजर-अमर श्री परशुराम की, आरती जो गावे।

पूर्णेन्दु शिव साखि, सुख सम्पति पावे।। ऊॅं जय।।

English summary :
Lord Parashurama Jayanti Kab Hai: Parashurama is considered the sixth incarnation of Lord Vishnu. Every year, on Tritiya of Shukla Paksha, in the month of Vaishakh, Parshuram Jayanti celebrate. This year, Parshuram Jayanti is falling on 26 April. It is also believed that Parashurama was born during the Pradosh period.


Web Title: parshuram jayanti 2020 know thae date and parshuram aarti lyrics in hindi

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