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Makar Sankranti: मकर संक्रांति के अगले दिन से पांच दिन का अशुभ पंचक, नया पलंग खरीदने सहित नहीं करें ये काम

By विनीत कुमार | Updated: January 12, 2021 14:29 IST

Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति के अगले दिन यानी 15 फरवरी से इस बार पंचक भी शुरू हो रहा है। पंचक काल को अशुभ माना गया है और कई कामों को करने की मनाही इस दौरान रहती है।

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ठळक मुद्देपंचक की शुरुआत 15 जनवरी को शाम 5.06 बजे से हो रही है, 20 जनवरी को समापनमान्यताओं के अनुसार पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा, नए पलंग खरीदना या बनवाना जैसे काम नहीं करने चाहिएमान्यताओं के अनुसार पंचक काल में घर की छत नहीं डाली जानी चाहिए, पांच नक्षत्रों के विशेष मेल के योग को कहते हैं पंचक

Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करते हैं और पिछले एक महीने से चले आ रहे खरमास का भी समापन होता है। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है। इस दिन से घर में शुभ और मांगलिक कार्य वगैरह भी शुरू होते हैं।

हालांकि, इस बार मकर संक्रांति के अगले दिन यानी 15 तारीख की शाम से पंचक काल भी शुरू हो रहा है। हिंदू पंचांग में पंचक को शुभ नहीं माना गया है। कई ऐसे कार्य हैं जिसे करने की मनाही पंचक के दौरान होती है। आम तौर पर पंचक पांच दिन का होता है। पंचक क्या है और क्या हैं इससे जुड़ी मान्यताएं, आईए हम आपको बताते हैं।

Panchak In January 2021: 15 जनवरी को शाम 5 बजे से पंचक

पंचांग के अनुसार पंचक की शुरुआत 15 जनवरी (शुक्रवार) को शाम 5.06 बजे से हो रही है। इसका समापन 20 जनवरी (बुधवार) को दोपहर 12.37 बजे हो जाएगा। दरअसल हर महीने में ये पंचक आता है जिसे मान्यताओं में अशुभ कहा गया है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के विशेष मेल से बनने वाले योग को पंचक कहा जाता है। चंद्रमा एक राशि में ढाई दिन रहता है। इस तरह दो राशियों में चंद्रमा पांच दिनों तक रहता है। 

इन्हीं पांच दिनों के दौरान चंद्रमा जब आखिरी पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती से होकर गुजरता है तो इन पांच दिनों को पंचक कहते हैं। कुल 27 नक्षत्र होते हैं। इस में आखिरी पांच को दूषित माना गया है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार दिन के हिसाब से सभी पंचक का प्रभाव अलग-अलग होता है। पंचक की शुरुआत अगर रविवार से होती है तो उसे रोग पंचक कहते हैं, ऐसे ही शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है।

सोमवार से शुरू हुए पंचक को राजपंचक, मंगलवार को अग्नि पंचक, बुध और गुरुवार को अशुभ जबकि शुक्रवार को चोर पचंक कहा जाता है। 

Panchak 2021: पंचक में क्या नहीं करें

ऐसी मान्यता है कि पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए। इसे यम की दिशा के तौर पर जाना जाता है। इसलिए इस दिशा में पंचक में यात्रा से हानि की आशंका बनी रहती है।

पंचक काल में घर की छत नहीं डाली जानी चाहिए। इसे नुकसान और घर में क्लेश की आशंका बनी रहती है। पंचक के दौरान सोने के लिए स्थान जैसे पलंग बनवाना, पलंग खरीदना, बिस्तर आदि खरीदना भी वर्जित माना जाता है। इन दिनों में ऐसी चीजों की खरीदारी को अशुभ माना गया है।

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