Padmini Ekadashi 2023: अधिक मास में किस दिन रखा जाएगा पद्मिनी एकादशी व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
By अंजली चौहान | Published: July 20, 2023 07:02 PM2023-07-20T19:02:44+5:302023-07-20T19:06:34+5:30
पद्मिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। यह व्रत तीन साल में एक बार आता है क्योंकि यह अधिकमास में एक बार आता है।
Padmini Ekadashi 2023: भगवान शिव का प्रिय महीना सावन चल रहा है। इसी महीने में 18 जुलाई से अधिक मास भी शुरू हो गया है। अधिक मास भगवान विष्णु को समर्पित है और इसी माह में पद्मिनी एकादशी पड़ती है। पद्मिनी एकादशी, पुरुषोत्तमी एकादशी और सुमद्रा एकादशी के नाम से भी जानी जाती है।
किस दिन है पद्मिनी एकादशी?
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, पद्मिनी एकादशी बहुत पवित्र दिन माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन के महीने में अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी पद्मिनी एकादशी 28 जुलाई शुक्रवार की दोपहर 2 बजकर 51 मिनट से शुरू होकर 29 जुलाई की दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई शनिवार को रखा जाएगा।
जानें शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक, अधिक मास के शुक्ल पक्ष की पद्मिनी एकादशी तिथि 28 जुलाई को दोपहर 02:51 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 29 जुलाई तो दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर खत्म होगी।
पूजा का समय: सुबह- 07:22, सुबह- 09:04
पारण का समय: सुबह- 05:41, सुबह- 08:24 (30 जुलाई 2023)
पद्मिनी एकादशी का महत्व
ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। पद्मिनी एकदाशी के दिन जो भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु के नाम का व्रत रखता है और पूजा करता है उसे मृत्यु के बाद सीधे स्वर्ग में वैकुंठधाम की प्राप्ति होती है।
पद्मिनी एकादशी के दिन संतान, यश, वैभव की प्राप्ति के लिए किया जाता है। सभी एकादशी व्रत में पद्मिनी एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है हालांकि, यह व्रत तीन साल में एक बार आता है क्योंकि अधिक मास में यह व्रत आता है और अधिक मास तीन साल में एक बार आता है।
(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)