29 मार्च को शनि अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का साया, इस दिन गलती से भी न करें ये 4 काम

By रुस्तम राणा | Updated: March 20, 2025 14:56 IST2025-03-20T14:56:34+5:302025-03-20T14:56:53+5:30

29 मार्च को शनि अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा और इसी दिन शनिदेव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे।

On March 29, Shani Amavasya, there is a shadow of solar eclipse, do not do these 4 things even by mistake on this day | 29 मार्च को शनि अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का साया, इस दिन गलती से भी न करें ये 4 काम

29 मार्च को शनि अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का साया, इस दिन गलती से भी न करें ये 4 काम

Surya Grahan 2025 on Shani Amavasya: इस बार चैत्र अमावस्या 29 मार्च को है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जा रहा है। क्योंकि इस दिन दो बड़े संयोग बन रहे हैं। दरअसल, इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा और इसी दिन शनिदेव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। 29 मार्च को शनि अमावस्या भी है और साल का पहला सूर्य ग्रहण भी, ऐसे में इस दिन आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए वरना इससे आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं।

इस दिन बिल्कुल भी न करें ये 4 काम

शनि अमावस्या के दिन बेजुबान जानवरों को परेशान नहीं करना चाहिए, खासकर गाय, कुत्ते और कौवे को नुकसान पहुंचाने से बचें। क्योंकि ऐसा करने से शनि देव के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।

इस दिन माता-पिता, बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शनि दोष बढ़ सकता है और उनके दुष्प्रभाव का समाना करना पड़ सकता है।

चैत्र अमावस्या यानी शनिश्चरी अमावस्या के दिन बाल, नाखून और दाढ़ी काटना भी अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में बाधाएं आ सकती हैं और बनते कार्य बिगड़ जाते हैं।

इस दिन तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं क्रोध, छल-कपट और गलत तरीके से धन कमाने से भी बचें, क्योंकि ऐसा करने से शनि देव नाराज हो सकते हैं।

शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के उपाय

भगवान शनि की पूजा करें, खासकर शनिवार को, उनका आशीर्वाद और सुरक्षा पाने के लिए। शनिवार को व्रत रखना और सात्विक (शुद्ध) जीवनशैली बनाए रखना चुनौतियों को कम करने में मदद कर सकता है। 

शनिवार को जरूरतमंदों को काले तिल, सरसों का तेल और काले कपड़े जैसी चीजें दान करें। 

छाया पात्र दान (शनि की मूर्ति पर तेल चढ़ाना) की रस्म विशेष रूप से लाभकारी है। 
किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद, नीलम रत्न पहनने से आपकी कुंडली में शनि के सकारात्मक प्रभाव को मजबूत करने में मदद मिल सकती है। 

शनि बीज मंत्र (ॐ शं शनिचराय नमः) या हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से शनि के दुष्प्रभाव को शांत करने में मदद मिल सकती है।

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