क्रिश्चन समुदाय के सबसे पवित्र त्योहार गुड फ्राइडे पर भी कोरोना वायरस का असर देखने को मिला है। इस साल 10 अप्रैल को मनाए जाने वाले इस गुड फ्राइडे पर लोग घरों में रहकर ही प्रार्थना करेंगे। केरल में गुड फ्राइडे के मौके पर भी चर्चों को नहीं खोला गया।
न्यूज एजेंसी एएनआई के एक ट्विट के मुताबिक केरल के तिरूवंतपुरम के फेमस चर्च सेंट जोसेफ मेट्रोपॉलिटन कैथ्रेडल चर्च के बाहर एक नोटिस लगाया गया जिसमें अपील की गई कि गुड फ्राइडे के दिन सभी घरों पर रहें। मास गैदरिंग या भीड़ एक साथ एक जगह पर इकट्ठा ना हो इसलिए इस फैसले को लिया गया है।
कोरोना वायरस की वजह से देशभर के गिरजाघरों पर आज ताला लगा हुआ है। गुड फ्राइडे दुख और शोक का दिन होता है क्योंकि इसी दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। कई लोग इस दिन को ग्रेट फ्राइडे तो कई इसे होली या ब्लैक फ्राइडे भी कहते हैं।
बताया जाता है कि इसके तीन दिन बाद ईसा मसीह फिर जिंदा हुए जिसे ईस्टर ट्रिडुम या ईस्टर संडे कहा जाता है, जो रविवार को पड़ता है। ईसा मसीह को ईश्वर का बेटा माना गया था। वे लोगों के बीच जाकर ज्ञान का संदेश देते थे, जो यहूदी धर्म के कट्टर धर्मगुरुओं को नागंवार गुजरा।
ऐसा माना जाता है कि यहूदियों ने ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाकर मारने का आदेश दे दिया। जिस दिन ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया उस दिन शुक्रवार था। तब से उनके अनुयायियों में गुड फ्राइडे मनाने की परंपरा शुरू हो गई।
ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने के लिए उनके विरोधी उन्हें गुलगुता नामक स्थान पर ले गए। वहां उन्हें करीब दोपहर 12 बजे सलीब पर टांग दिया गया। बताया जाता है कि वो सूली पर लटके हुए थे उन्होंने करीब तीन घंटे बाद यानी तीन बजे दम तोड़ दिया था।