ICMR: कोविड टीकों से युवाओं में नहीं बढ़ा अचानक मृत्यु का जोखिम, हो सकते हैं अन्य कारक
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 21, 2023 01:05 PM2023-11-21T13:05:55+5:302023-11-21T13:22:11+5:30
आईसीएमआर ने अपने अध्ययन में साफ किया है कि भारत में वयस्क युवाओं में बढ़ते मौत के जोखिम में कोविड-19 के टीकों का कोई भूमिका नहीं है।
नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने साफ किया है कि भारत में वयस्क युवाओं में बढ़ते मौत के जोखिम में कोविड-19 के टीकों का कोई भूमिका नहीं है।
आईसीएमआर ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 से रक्षा के लिए दिए गए टीकों से अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ा है, लेकिन कोविड के बाद अस्पताल में भर्ती होने, अचानक मौत का पारिवारिक इतिहास और कुछ जीवनशैली संबंधी दिक्कते जरूर इसके लिए कारक हो सकती हैं।
आईसीएमआर की ओर से जारी किया गया यह बयान एक अध्ययन के फलस्वरूप आया है, जिसके लिए आईसीएमआर ने भारत भर के 47 अस्पतालों में अध्ययन किया है। ये सभी अध्ययन स्पष्ट रूप से बिना किसी ज्ञात बीमारी के 18-45 वर्ष की आयु वर्ग के उन स्वस्थ व्यक्तियों को लेकर की गई थी, जिनकी मृत्यु अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक हुई।
आईसीएमआर के द्वारा इकट्ठे किये गये परिणामों से स्पष्ट हुआ है कि ऐसे मृत्यु के मामले में कोविड संक्रमण और उसके बाद की स्थितियों, अचानक मृत्यु का पारिवारिक इतिहास, धूम्रपान, मनोरंजक नशीली दवाओं के उपयोग, अत्यधिक शराब पीने और मृत्यु से दो दिन पहले अत्यधिक तीव्रता वाली शराब पीना प्रमुख कारकों में से एक हो सकता है।
इसके अलावा अध्ययन में कहा गया है, "वर्तमान में बढ़ते धूम्रपान का चलन, बार-बार शराब पीने की आदत, अत्यधिक शराब पीना, मनोरंजक दवा/पदार्थों का उपयोग और तेज जीवन शैली अचानक मृत्यु के कारण हो सकते हैं।"
रिपोर्ट के अनुसार "कभी भी अधिक मात्रा में और बार-बार शराब पीने की आदत से अचानक मृत्यु की संभावना तेजी से बढ़ सकती है।"
आईसीएमआर की ओर से किये गये यह अध्ययन कोरोना महामारी के बाद भारत में बढ़ रही स्वस्थ युवा वयस्कों की अचानक और अस्पष्टीकृत मौतों के कारकों को पहचानने के लिए किया गया था।
अध्ययन में बताया गया है कि कोविड के खिलाफ दो वैक्सीन की खुराक लेने से अचानक मृत्यु की संभावना कम हो गई, जबकि एक खुराक से ऐसा नहीं हुआ।
इसमें कहा गया है कि कोविड-19 टीकाकरण का प्राथमिक उद्देश्य कोविड-19 से जुड़ी गंभीरता को रोकना है। अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं मुख्य रूप से थ्रोम्बोम्बोलिक घटनाओं से जुड़े तथ्यों को जुटाया गया है।
आईसीएमआर के अध्ययन में कहा गया है कि जिस तरह से कोविड-19 से अचानक मौतें हो सकती हैं, उन्हें फिलहाल अच्छी तरह से नहीं समझा जा सका है। भारतीय युवा वयस्कों में अचानक मृत्यु की रिपोर्टों की अभी विस्तार से जांच नहीं की गई है।
हालांकि, अध्ययन में तर्क दिया गया कि कोरोना वायरस 2 (सॉर्स-कोव-2) के संक्रमण से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा अध्ययन में कहा गया है, "हालांकि कोविड -19 से ठीक हुए व्यक्तियों और गंभीर संक्रमण वाले लोगों में मृत्यु के बढ़ते जोखिम के कुछ सबूत हैं, लेकिन ऐसे व्यक्तियों में अचानक मृत्यु के प्रमाण दुर्लभ हैं।"