Nirjala Ekadashi 2024: इस साल निर्जला एकादशी व्रत बेहद खास, बन रहे हैं बेहद शुभ योग, जानें तिथि, मुहूर्त, व्रत विधि एवं महत्व

By रुस्तम राणा | Updated: June 8, 2024 14:13 IST2024-06-08T14:13:08+5:302024-06-08T14:13:08+5:30

हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि इसे महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था। इसलिए इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं।

Nirjala Ekadashi 2024: know the date, auspicious time, fasting method and importance | Nirjala Ekadashi 2024: इस साल निर्जला एकादशी व्रत बेहद खास, बन रहे हैं बेहद शुभ योग, जानें तिथि, मुहूर्त, व्रत विधि एवं महत्व

Nirjala Ekadashi 2024: इस साल निर्जला एकादशी व्रत बेहद खास, बन रहे हैं बेहद शुभ योग, जानें तिथि, मुहूर्त, व्रत विधि एवं महत्व

Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी व्रत ज्येष्ठ माह की भीषण की गर्मी में रखा जाता है। निर्जला 
व्रत में व्रत रखने वाले को पूरे समय पानी नहीं पीना होता है। ऐसे में इसे सबसे कठिन व्रतों में भी गिना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि इसे महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था। इसलिए इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं।  इस साल निर्जला एकादशी व्रत पर 3 बेहद शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इसका महत्‍व और भी बढ़ गया है। 

निर्जला एकादशी व्रत 2024 कब है? 

हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी ति​थि की शुरूआत 17 जून, सोमवार की शाम 04:43 बजे से होगी जो कि 18 जून, मंगलवार की शाम 06:24 बजे समाप्‍त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत 18 जून को रखा जाएगा और 19 जून को द्वादशी तिथि के दिन पारण किया जाएगा। 

निर्जला एकादशी तिथि एवं पारण मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारम्भ - 17 जून, सोमवार की शाम 04:43 बजे
एकादशी तिथि समाप्त - 18 जून, मंगलवार की शाम 06:24 बजे
पारण मुहूर्त - 19 जून सुबह 05:24 से 07:28 तक 

निर्जला एकादशी के दिन शुभ योग

निर्जला एकादशी के दिन 3 शुभ योग- त्रिपुष्कर योग, शिव योग और स्वाति नक्षत्र बन रहे हैं। इन तीन का एकसाथ निर्जला एकादशी के दिन पड़ना बेहद अद्भुत संयोग है। पंजांग के अनुसार, 18 जून को दोपहर 03:56 बजे से पारण वाले दिन 19 जून को सुबह 05:24 तक त्रिपुष्कर योग रहेगा। जबकि सुबह से लेकर दोपहर 03:56 तक स्‍वाति नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा सुबह से रात 09:39 तक शिव योग रहेगा।

निर्जला एकादशी की पूजा विधि

व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। 
स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने व्रत का संकल्प करें।
विष्णुजी को पीले फल, पीले फूल, पीले पकवान आदि का भोग लगाएं। 
दीप जलाएं और आरती करें। 
पूजा के दौरान- 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:' मंत्र का भी जाप करें।
किसी गौशाला में धन या फिर प्याऊ में मटकी आदि या पानी का दान करें। 
शाम को तुलसी के पास दीपक जलाएं और उनकी भी पूजा करें।
अगले दिन सुबह उठकर और स्नान करने के बाद एक बार फिर भगवान विष्णु की पूजा करें। 
साथ ही गरीब, जरूरतमंद या फिर ब्राह्मणों को भोजन कराएं। 
इसके बाद ही खुद भोजन ग्रहण करें। 

निर्जला एकादशी व्रत का महत्व

धार्मिक रूप से माना जाता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को सभी एकादशी व्रतों का पुण्य प्राप्त होता है और व्रत रखने वालों की समस्त प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। हालांकि यह कठिन व्रतों में से एक है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि साल भर की सभी एकादशी व्रतों का फल केवल एक दिन के इस एकादशी व्रत को करने से मिलता है। 
 

Web Title: Nirjala Ekadashi 2024: know the date, auspicious time, fasting method and importance

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