Navratri 2019: पाकिस्तान में है मां दुर्गा का प्रमुख शक्तिपीठ, पीएम मोदी भी कर चुके हैं इसका जिक्र-जानें क्यों है इतना खास

By मेघना वर्मा | Published: October 7, 2019 09:42 AM2019-10-07T09:42:36+5:302019-10-07T09:42:36+5:30

पुरानी कथाओं के अनुसार अपने पिता के द्वारा महादेव का अपमान होने पर सती ने यज्ञकुंड में कूद कर अपनी जान दे दी थी।

Navratri 2019: hinglaj mata temple in balochistan pakistan, Temple in Pakistan | Navratri 2019: पाकिस्तान में है मां दुर्गा का प्रमुख शक्तिपीठ, पीएम मोदी भी कर चुके हैं इसका जिक्र-जानें क्यों है इतना खास

Navratri 2019: पाकिस्तान में है मां दुर्गा का प्रमुख शक्तिपीठ, पीएम मोदी भी कर चुके हैं इसका जिक्र-जानें क्यों है इतना खास

Highlightsमां सती के शरीर के टुकड़े जिन-जिन जगहों पर गिरे वो देवी का शक्तिपीठ बन गया।देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों में इसका जिक्र मिलता है।

देशभर में मां दुर्गा के जय-जयकारे लगाए जा रहे हैं। वहीं लोग नौ दिन का व्रत करके मां को मनाने में लगे हुए है। कुछ ऐसे भक्त भी होंगे जो नवरात्रि के इन दिनों में देवी दुर्गा के शक्तिपीठों पर अपना मत्था टेकने गए होगें। मां दुर्गा के ये शक्तिपीठ देशभर में स्थित हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि भारत के अलावा पाकिस्तान में भी मां दुर्गा का एक फेमस शक्तिपीठ है। जिसका जिक्र खुद पीएम मोदी कर चुके हैं। 

आइए इस नवरात्रि हम आपको बताते हैं मां दुर्गा के इसी खास शक्तिपीठ के बारे में जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य की राजधानी कराजी से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उत्तर-पश्चिम दिशा में हिंगोल नदी पर बना ये शक्ति पीठ अपने आप में ही काफी महत्व रखता है। यहां हर साल लोग मां का आशीर्वाद पाने चले आते हैं। 

हिंगलाज में है स्थित

मां का ये शक्तिपीठ हिंगोल नदी के तट पर ल्यारी तहसील के मकराना के तटीय क्षेत्र में हिंगलाज में स्थित है। बताया जाता है कि हिंगोल नदी के किनारे अघोर पर्वत के पास ही माता का ब्रह्मरंध्र यानी सिर गिरा था। इस लिए इसका महत्व सबसे अधिक बताया जाता है। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों में इसका जिक्र मिलता है। जिसमें नौ शक्तिपीठ विदेशों में हैं।

ये है माता हिंगलाज मंदिर की कहानी

ग्रंथों की मानें तो जिस जगह पर भोले देव की पत्नी यानी माता सती के शरीर के टुकड़े गिरे उस जगह पर देवी का शक्तिपीठ बन गया। पुरानी कथाओं के अनुसार अपने पिता के द्वारा महादेव का अपमान होने पर सती ने यज्ञकुंड में कूद कर अपनी जान दे दी थी। इस पर नाराज शिव, सती के शरीर लेकर सारे लोकों को तहस-नहस करने निकल पड़े। 

उनका गुस्सा शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने चक्र को चलाया और सती के 51 टुकड़े कर दिए। जिन-जिन जगहों पर सती के अंग और उनके वस्त्र आभूषण गिरे वो शक्तिपीठ कहलाए। माना जाता है कि सती का सिर हिंगोल नदी के किनारे हिंगलाज में गिरा था, इसीलिए ये सबसे प्रमुख शक्ति पीठ है। हिंगलाज देवी को पांडवों और छत्रियों की कुलदेवी के रूप में भी जाना जाता है।

Web Title: Navratri 2019: hinglaj mata temple in balochistan pakistan, Temple in Pakistan

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